सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामला में बंद प्रोफेसर हनी बाबू की जमानत याचिका पर एनआईए को जारी किया नोटिस, जवाब के लिए दिया तीन हफ्तों का समय

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 3, 2024 02:43 PM2024-01-03T14:43:21+5:302024-01-03T14:51:03+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 के भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार हुए प्रोफेसर हनी बाबू की ओर से दायर की गई जमानत याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

Supreme Court issues notice to NIA on the bail plea of ​​Professor Honey Babu in Bhima Koregaon case, gives three weeks' time | सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामला में बंद प्रोफेसर हनी बाबू की जमानत याचिका पर एनआईए को जारी किया नोटिस, जवाब के लिए दिया तीन हफ्तों का समय

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने हनी बाबू की जमानत याचिका पर एनआईए को जारी किया नोटिस सर्वोच्च अदालत ने एनआई को नोटिस पर जवाब पेश करने के लिए दिया है तीन हफ्तों का समयहनी बाबू साल 2018 के भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार हुए थे, उसी समय से जेल में हैं

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 के भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार हुए प्रोफेसर हनी बाबू की ओर से दायर की गई जमानत याचिका पर बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और संजय करोल की बेंच ने हनी बाबू की ओर से दायर याचिका पर जवाब देने के लिए एनआईए को तीन हफ्ते का समय दिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार देश की शीर्ष अदालत ने बाबू द्वारा दायर जमानत याचिका पर आज सुनवाई की, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के सितंबर 2023 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें हाईकोर्ट ने हनी बाबू की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हनी बाबू की ओर से दायर की गई जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनके द्वारा किये गये कथित अपराध गंभीर प्रकृति के थे और सबूत बताते हैं कि प्रोफेसर हनी बाबू कोड संरचना विकसित करने में विशेषज्ञ थे, जो गुप्त संचार के लिए महत्वपूर्ण थे।

उससे पहले हनी बाबू की जमानत याचिका विशेष एनआईए अदालत द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।

मालूम हो कि जुलाई 2020 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हनी बाबू को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सदस्य होने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

एनआईए की ओर से दावा किया गया है कि पीएम मोदी पर कथित हमले का पत्र हनी बाबू के कंप्यूटर से मिला है। हालांकि, एनआईए के आरोपों के खिलाफ तर्क देते हुए हनी बाबू ने कहा कि उस पत्र न तो उनके द्वारा लिखा गया था, न ही उन्हें संबोधित किया गया था और न ही इसमें साजिश में उनकी कोई भूमिका है।

Web Title: Supreme Court issues notice to NIA on the bail plea of ​​Professor Honey Babu in Bhima Koregaon case, gives three weeks' time

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