जहांगीरपुरी में नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा, दो हफ्ते बाद अगली सुनवाई
By विनीत कुमार | Published: April 21, 2022 11:46 AM2022-04-21T11:46:44+5:302022-04-21T12:27:23+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को फिलहाल रोके रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एनडीएमसी सहित सभी पक्षों को नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली के जहांगीरपुरी में फिलहाल 'बुलडोजर की कार्रवाई' पर रोक जारी रखने को कहा है। कोर्ट ने गुरुवार को मामले में हुई सुनवाई में यथास्थिति बनाए रखने को कहा और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी। कोर्ट ने साफ किया कि यथास्थिति बनाए रखने का आदेश केवल दिल्ली के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि मेयर को जानकारी देने के बाद भी किए गए अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
Supreme Court issues notice to North DMC and others on plea against demolition drive in Jahangirpuri
— ANI (@ANI) April 21, 2022
Court says status quo to be maintained, asks North DMC and others to file reply on the plea pic.twitter.com/9uFNiFYAYy
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी द्वारा जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई पर रोक लगाई थी और मामले की सुनवाई आज करने की बात कही थी। हालांकि, कल कोर्ट का आदेश आने के कुछ देर बाद तक भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रही थी। एनडीएमसी की ओर से तब कोर्ट का आदेश प्राप्त नहीं होने की बात कही गई थी। इसके बाद याचिकाकर्ता दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
दरअसल, जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसके बाद बुधवार को अचानक अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को लेकर सवाल उठ गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में जहांगीरपुरी पर सुनवाई, किसने क्या कहा?
कोर्ट में गुरुवार को मामले में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन आरोपों से इनकार किया कि केवल एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। मेहता ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में जहांगीरपुरी मामले में दोनों याचिका जमियत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से डाली गई है। ये आरोप है कि एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, ये सच नहीं है।'
वहीं, जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण एक गंभीर मुद्दा है लेकिन मुद्दा यह है कि मुसलमानों को अतिक्रमण से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले दूसरे राज्यों में भी हो रहे हैं।
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि यह मामला संवैधानिक और राष्ट्रीय महत्व के दूरगामी प्रश्न उठाता है। उन्होंने कहा कि यह मामला जहांगीरपुरी तक सीमित नहीं है, अगर इसकी अनुमति दी गई तो कानून का राज नहीं बचेगा। दवे ने कहा, 'दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है, लाखों लोग रहते हैं लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है। आपने घरों को बर्बाद किया। गरीबों को टारगेट किया। आपको दक्षिणी दिल्ली या पॉश कॉलोनियों में कार्रवाई करनी चाहिए।'