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झारखंड: निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली

By शिवेंद्र राय | Updated: February 10, 2023 21:12 IST

खूंटी में हुए मनरेगा घोटाला मामले में ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। मनरेगा में यह घोटाला उस वक्त हुआ था जब पूजा सिंघल वहां 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक डीसी के रूप में पदस्थापित थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।

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ठळक मुद्देझारखंड की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से राहतनिलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत मिलीमनरेगा की योजनाओं में धांधली की आरोपी हैं पूजा सिंघल

नई दिल्ली: झारखंड में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी है। पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत अपनी बीमार बेटी की देखभाल करने के लिए दी गई है। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पूजा सिंघल ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। 

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिंघल को जमानत दी। बेंच में शामिल जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा, "हम रिहाई की तारीख से दो महीने की अवधि के लिए बेटी की देखभाल करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देने के इच्छुक हैं।" शीर्ष अदालत में पूजा सिंघल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा पेश हुए थे। अदालत ने पूजा सिंघल के वकील को निर्देश दिया कि जमानत पर रहने के दौरान वह गवाहों को प्रभावित न करें।

बता दें कि खूंटी में हुए मनरेगा घोटाला मामले में ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। विगत 6 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान उनके पति के सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से अधिक राशि बरामद किये गये थे। इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ईडी ने उन्हें रिमांड पर कई दिनों तक पूछताछ की थी।

सन 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। मनरेगा में यह घोटाला उस वक्त हुआ था जब पूजा सिंघल वहां 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक डीसी के रूप में पदस्थापित थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।

 पूजा सिंघल पर आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई थी। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी। बाद में ईडी ने इस मामले की जांच करते हुए पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी एवं सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ 5 जुलाई 2022 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

टॅग्स :झारखंडसुप्रीम कोर्टMahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Schemeमनी लॉऩ्ड्रिंग मामला
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