नहीं टलेगी महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की याचिका खारिज की
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 25, 2020 05:25 AM2020-08-25T05:25:33+5:302020-08-25T05:25:33+5:30
शीर्ष अदालत ने 17 अगस्त को जेईई (मेन) और नीट- यूजी की सितंबर में होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने के लिए दायर याचिका खारिज करते हुए कहा था कि छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना चाहिए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी की वजह से महाराष्ट्र में इंजीनियरिंग और फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की परीक्षाएं स्थगित करने के लिए दायर याचिका आज खारिज कर दी. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और आर. सुभाष रेड्डी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय पहले ही जेईई और नीट परीक्षाए आयोजित करने की अनुमति दे चुका है.
अब एक राज्य में इसी तरह की परीक्षाएं कैसे रोकी जा सकती हैं. पीठ ने कहा, हम अनुच्छेद 32 के अंतर्गत दायर याचिका पर विचार के इच्छुक नहीं हैं. महाराष्ट्र सरकार इंजीनियरिंग और फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सालाना परीक्षाएं आयोजित करती है.
सिद्धु गुरश्रुति सिंह और जसबीर सिंह सहित कई छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता शिवाजी जाधव ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति का हवाला दिया और कहा कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है. ज्ञात हो कि शीर्ष अदालत ने 17 अगस्त को जेईई (मेन) और नीट- यूजी की सितंबर में होने वाली परीक्षाएं स्थगित करने के लिए दायर याचिका खारिज करते हुए कहा था कि छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना चाहिए.
न्यायालय का मत था कि छात्रों के शैक्षणिक जीवन को लंबे समय तक जोखिम में नहीं डाला जा सकता. विदेश में नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बेहद ही अहम निर्देश देते हुए साफ कर दिया है कि खाड़ी देशों में नीट परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत छात्रों को भारत लाने पर विचार किया जाए.