सुप्रीम कोर्ट का फैसला, आरटीआई आवेदन का अधिकतम शुल्क 50 रुपये तय
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 21, 2018 05:43 AM2018-03-21T05:43:01+5:302018-03-21T05:43:01+5:30
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश उच्च न्यायालयों, विधानसभाओं और अन्य सरकारी और आरटीआई अधिनियम के दायरे में आने वाली सभी स्वायत्त संस्थाओं पर लागू होगा।
नई दिल्ली, 20 मार्च। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि 'सूचना का अधिकार अधिनियम' (आरटीआई) के तहत दिए जाने वाले आवेदनों के लिए अधिकतम शुल्क 50 रुपये होगा और फोटोकॉपी शुल्क पांच रुपये प्रति पृष्ठ होगा। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश उच्च न्यायालयों, विधानसभाओं और अन्य सरकारी और आरटीआई अधिनियम के दायरे में आने वाली सभी स्वायत्त संस्थाओं पर लागू होगा।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ विभिन्न उच्च न्यायालयों और छत्तीसगढ़ विधानसभा सहित अन्य प्राधिकरणों के आरटीआई नियमों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया। इन सभी प्राधिकरणों ने आरटीआई आवेदन तथा फोटोकॉपी के लिए भारी-भरकम शुल्क लागू कर रखे हैं।
एक गैर सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज' ने न्यायालय में याचिका दायर की थी कि आरटीआई आवेदन के लिए ज्यादा शुल्क लेकर जनता को इस सेवा के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें जानकारी न मिल सके।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि साल 2011 में छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आरटीआई आवेदन का शुल्क बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया था तथा दिसंबर 2016 में इसे घटाकर 300 रुपये कर दिया। केंद्र सरकार के नियमानुसार आरटीआई आवेदन का शुल्क 10 रुपये है तथा दस्तावेजों की फोटोकॉपी का शुल्क दो रुपये है।