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अदालत की कार्यवाही का अब हो सकता है लाइव टेलीकास्ट, सुप्रीम कोर्ट खुद करेगा इसकी शुरुआत

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 26, 2018 16:37 IST

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने से न्यायिक प्रणाली में जवाबदेही बढ़ेगी।'

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नई दिल्ली, 26 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने अहम अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण ( live streaming) का फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी।  सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, 'कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने से न्यायिक प्रणाली में जवाबदेही बढ़ेगी।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के आदेश से अदालत की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह लोकहित में होगा। 

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वह जनता के अधिकारों में संतुलन बनाने और वादकारियों की गरिमा की रक्षा के लिये शीघ्र ही आवश्यक नियम तैयार करेगी। पीठ ने कहा, ''कीटाणुओं के नाश के लिये सूरज की रोशनी बेहतरीन है।''

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब सोसश मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोग तो इस फैसले को काफी उचित बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि फैसले से कोर्ट की मान-मर्यादा को भी फर्क पड़ेगा।  इंडिया टूडे के पत्रकार राजीव के मिश्रा ने ट्वीट किया,  बहुत ज्यादा धूप का संपर्क से आप जल भी सकते हैं। अच्छा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसे केवल संवैधानिक मामलों के लिए अनिवार्य कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पूरी प्रकिया विश्वास पर टिकी है। ऐसे में कोर्ट का फैसला कहां तक उचित है।'

वहीं ट्विटर पर पाकिस्तान की पत्रकार इफात हसन रिजवी ने ट्वीट किया , सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की स्वागत की है। उन्होंने कहा है कि ऐसा ही पाकिस्तान में भी होना चाहिए। इस फैसले से लोगों में और भी ज्यादा विश्वास बढ़ेगा। 

देखें लोगों की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति खानविलकर ने इस संबंध में एक फैसला सुनाया जबकि न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ ने सहमति व्यक्त करते हुए अलग फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण ‘‘जनता का जानने का अधिकार’’ पूर होगा और यह न्यायिक कार्यवाही में पहले से अधिक पारदर्शिता लायेगा।

शीर्ष अदालत ने न्यायिक कार्यवाही के सीधे प्रसारण और इसकी वीडियो रिकार्डिंग के लिये कानून की छात्रा स्नेहिल त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह तथा गैर सरकारी संगठन ‘सेन्टर फार अकाउण्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेन्ज’ की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। 

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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