सुपरसोनिक मिसाइल SMART का परीक्षण, जानिए खासियत, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 5, 2020 04:01 PM2020-10-05T16:01:59+5:302020-10-05T18:12:45+5:30
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को टॉरपीडो, एसएमएआरटी के सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध में स्टैंड-ऑफ क्षमता के लिए एक प्रमुख प्रौद्योगिकी सफलता साबित होगी।
बालेश्वरः ओडिशा के तट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का आज सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सोमवार को टॉरपीडो, एसएमएआरटी के सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध में स्टैंड-ऑफ क्षमता के लिए एक प्रमुख प्रौद्योगिकी सफलता साबित होगी।
भारत ने ओडिशा के तटीय क्षेत्र में एक परीक्षण रेंज से अपनी स्वदेश निर्मित सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल उड़ान परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप, जिसे व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था, से पूर्वाह्न 11.45 बजे परीक्षण किया गया और सारे लक्ष्य सुगमता से प्राप्त किये गये। एक बयान में कहा गया कि यह प्रक्षेपण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताएं स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी।
भारत ने सोमवार को अपनी स्वदेश निर्मित स्मार्ट टॉरपीडो प्रणाली का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया जिसे डीआरडीओ ने पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता बढ़ाने की दिशा में बदलाव लाने वाला बताया। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देश की समुद्री रणनीतिक क्षमता मजबूत करने में यह एक और मील का पत्थर साबित होगी।
सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल उड़ान परीक्षण ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप, जिसे पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था, से पूर्वाह्न 11.45 बजे किया गया। इसके सारे लक्ष्य सुगमता से प्राप्त किये गये।
रक्षा मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया कि स्मार्ट या एसएमआरटीए, टॉरपीडो रेंज से परे एक मिसाइल पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता (एएसडब्ल्यू) अभियान के लिए हल्की पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो प्रणाली की एक मिसाइल असिस्टेड रिलीज है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएमएआरटी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में महत्वपूर्ण तकनीक है।
इस SMART के जरिए वॉर शिप में स्टैंड ऑफ क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। परीक्षण के दौरान इसकी रेंज, एल्टीट्यूड, टॉरपीडो को छोड़ने की क्षमता और VRM पर स्थापित करने की क्षमता ने पूरी तरह से सही काम किया, यही कारण है कि रक्षा मंत्रालय ने इसे सफल परीक्षण करार दिया है।
#WATCH: Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo (SMART) successfully flight tested today from Wheeler Island off the coast of Odisha. It's a missile assisted release of lightweight Anti-Submarine Torpedo System for Anti Submarine Warfare operations far beyond Torpedo range pic.twitter.com/Ts1Ev4uYne
— ANI (@ANI) October 5, 2020
स्मार्ट मिसाइल मुख्य रूप से टॉरपीडो सिस्टम का हल्का रूप है, जिसे लड़ाकू जहाजों पर तैनात किया जाएगा। इसे तैयार करने के लिए हैदराबाद, विशाखापट्टनम समेत अन्य शहरों में मौजूद DRDO की लैब में इसपर काम किया गया है।
इस सफ़लता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विट कर बधाई देते हुए कहा है, "डीआरडीओ ने सफ़लतापूर्वक सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो (SMART) का परीक्षण किया है।" "ये तकनीक युद्ध के वक़्त विरोधी पनडुब्बियों को मार गिराने की हमारी क्षमता बढ़ाएगी. मैं डीआरडीओ और पूरी टीम को इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।"
The @DRDO_India has successfully flight tested the Supersonic Missile assisted release of Torpedo, SMART. This will be a major technology breakthrough for stand-off capability in anti-submarine warfare. I congratulate DRDO and other stakeholders for this significant achievement.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 5, 2020
‘शौर्य’ मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण
भारत ने देश में विकसित, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और आवाज की गति से भी तेज चलने वाली ‘शौर्य’ मिसाइल का ओडिशा के परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 1,000 किलोमीटर के बीच है और यह 200 किलोग्राम से 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है।
यह मिसाइल भारत की के-15 मिसाइल का भूमि संस्करण है। उन्होंने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली इस सामरिक मिसाइल को अपराह्न 12 बजकर 10 मिनट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर चार से प्रक्षेपित किया गया। यह मिसाइल 10 मीटर लंबी है और इसका व्यास 74 सेमी और वजन 6.2 टन है। इसके दो चरण ठोस प्रणोदक का इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों ने इस परीक्षण को सफल बताया।
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक मिसाइल पूरी सटीकता के साथ बंगाल की खाड़ी में अपने तय बिंदु पर पहुंची। सूत्रों ने बताया कि इस परीक्षण के दौरान मिसाइल पर विभिन्न दूरमापी स्टेशनों और रडार से नजर रखी गई और उसने अच्छा प्रदर्शन किया। सूत्रों ने कहा, ‘‘ डीआरडीओ अधिकारियों ने शौर्य को उच्च प्रदर्शन वाली नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणालियों, कुशल प्रणोदन प्रणालियों, अत्याधुनिक नियंत्रण प्रौद्योगिकियों और कनस्तर प्रक्षेपण प्रणाली के साथ दुनिया की शीर्ष 10 मिसाइलों में से एक बताया है।’’
उन्होंने बताया कि इस मिसाइल को लाना-ले जाना आसान है। इसे ट्रक पर रखे कनस्तरों से भी दागा जा सकता है। ट्रक को प्रक्षेपण स्थल बनाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ‘शौर्य’ मिसाइल को ऐसे स्थानों पर रखा जा सकता है, जहां इस पर दुश्मन की नजर नहीं पड़ सके। उपग्रह से ली गई तस्वीरों की मदद से भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता।