सुंजवान आर्मी कैम्प हमला: आतंकवादियों को फोन पर मिल रहा था पाकिस्तान से निर्देश
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 14, 2018 08:54 AM2018-02-14T08:54:16+5:302018-02-14T10:15:46+5:30
सुंजवान आर्मी कैम्प हमला: 48 घंटे तक चले ऑपरेशन में छह सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गयी। जवाब कार्रवाई में तीनों आतंकवादी भी मारे गये।
जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में सेना के कैम्प पर हुए हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का भारत सरकार के पास ठोस सबूत है। पुलिस के अनुसार पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों ने शनिवार (10 फ़रवरी) को सेना के कैम्प पर हमला कर दिया था। 48 घंटे तक चले ऑपरेशन में छह सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गयी। जवाब कार्रवाई में तीनों आतंकवादी भी मारे गये। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हमले में शामिल तीनों आतंकवादी फोन के माध्यम से पाकिस्तान और दक्षिणी कश्मीर स्थित लोगों से संपर्क में थे।
जम्मू-कश्मीर पलिस के डायरेक्टर जनरल एसपी वैद्य ने एचटी को बताया कि पाकिस्तान से कोई तीनों आतंकवादियों को निर्देश दे रहा था। पुलिस के अनुसार आतंकवादी कश्मीर घाटी में मौजूद किसी पाकिस्तानी नागरिक से भी लगातार बात कर रहे थे। पुलिस के अनुसार पाकिस्तान से आतंकवादियों से अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाने के लिए कहा जा रहा था। आतंकवादियों ने शनिवार सुबह आर्मी कैम्प पर हमले की शुरुआत के समय ही पाकिस्तान से संपर्क करना शुरू कर दिया था।
हिंदुस्तान टाइम्स के सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों को फोन पर मिल रहे निर्देश में सुंजुवां आर्मी कैम्प के अंदरूनी कमरों के बारे में खास तौर पर निर्देश दिये जा रहे थे। सुरक्षा बलों को आशंका है कि हमलावरों को आर्मी कैम्प के अंदर के नक्शे की जानकारी थी। एक अन्य सुरक्षा अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर एचटी से कहा कि आतंकवादी दक्षिणी कश्मीर से हथियार लेकर सुंजुवाँ आर्मी कैम्प तक नहीं पहुँचें होंगे इसलिए उन्हें स्थानीय मदद भी मिली होगी।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्मी कैम्प पर हमले के बाद कहा कि पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं पाकिस्तान ने हमले के पीछे हाथ होने से इनकार किया। सभी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों आतंकवादियों के मारे जाने के बाद सेना कैम्प की सघन जाँच की।