60 हजार करोड़ की लागत से सुखोई 30 एमकेआई विमानों को किया जाएगा अपग्रेड, सरकार ने दी मंजूरी, जानिए क्या होंगे बदलाव
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: February 20, 2024 06:00 PM2024-02-20T18:00:50+5:302024-02-20T18:02:17+5:30
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सुखोई 30 एमकेआई विमानों को अपग्रेड करने की परियोजना का प्रमुख इंटीग्रेटर होगा। 60,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का लक्ष्य नए रडार, मिशन नियंत्रण प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं और हथियार प्रणालियों को विमान में फिट करके इसकी क्षमताओं को बढ़ाना है।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान Su-30MKI को अपग्रेड करने की बड़ी परियोजना को मंजूरी दे दी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा समर्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सुखोई 30 एमकेआई विमानों को अपग्रेड करने की परियोजना का प्रमुख इंटीग्रेटर होगा। 60,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना का लक्ष्य नए रडार, मिशन नियंत्रण प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं और हथियार प्रणालियों को विमान में फिट करके इसकी क्षमताओं को बढ़ाना है।
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने पुष्टि की कि इस परियोजना में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी, जिसमें एचएएल उन्नयन के लिए प्रमुख इंटीग्रेटर के रूप में कार्य करेगा। परियोजना को दो चरणों में विभाजित किया गया है। शुरुआत में नए एवियोनिक्स और रडार स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके बाद उड़ान नियंत्रण प्रणालियों में सुधार किया जाएगा।
सुखोई-30MKI में कौन से प्रमुख बदलाव होंगे
यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत मिशन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें स्वदेशी प्रणालियाँ कई रूसी मूल के साजो सामान की जगह लेंगी। अपग्रेडेशन में स्वदेशी रडार प्रणाली की स्थापना, लक्ष्य का पता लगाने और हमला करने की क्षमताओं को बढ़ाना शामिल है। इसके अतिरिक्त विमान को आने वाले खतरों का मुकाबला करने और दुश्मन के संचार को बाधित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस किया जाएगा।
विमान में हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें भी लगाई जाएंगी। वायु सेना 1 साल के भीतर नई प्रणालियों को एकीकृत करने पर काम शुरू करने के लिए तैयार है। प्रारंभिक चरण में लगभग 90 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जाएगा।
बता दें कि भारत ने रूस से 272 Su-30MKI जेट हासिल किए थे जो वायु सेना के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ हैं। पिछले साल 12 जेट के अतिरिक्त ऑर्डर को मंजूरी दी गई थी। Su-30MKI बेड़े में एक दशक से अधिक समय से लगातार अपग्रेडेशन किया जा रहा है। Su-30MKI में स्वदेशी ब्रह्मोस और एस्ट्रा हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें फिट हैं।
इसके अलावा नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइलों (NGARMs) को शामिल करने की योजना है।
अपग्रेडेशन में लक्ष्य का पता लगाने और हमला करने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक नई स्वदेशी रडार प्रणाली भी लगाई जाएगी। विमान के इंजन भी बदले जा सकते हैं। रूस ने भारत से सुखोई-30MKI बेड़े के लिए AL-41F-1S इंजन पर विचार करने का आग्रह किया है। AL-41F-1S इंजन में 142.2 kN का थ्रस्ट है, जो 122.6 kN थ्रस्ट वाले वर्तमान AL-31FP इंजन की तुलना में ज्यादा ताकतवर है।