भारत में वन्यजीव-मानव के टकराव में लोगों की मौत होने पर पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया जाता हैः अध्ययन
By भाषा | Updated: February 24, 2021 23:02 IST2021-02-24T23:02:41+5:302021-02-24T23:02:41+5:30

भारत में वन्यजीव-मानव के टकराव में लोगों की मौत होने पर पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया जाता हैः अध्ययन
नयी दिल्ली, 24 फरवरी एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत में वन्यजीव-मानव के संघर्ष में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया जाता है।
जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित अध्ययन में भारत में 11 वन्यजीव अभयारण्य के पास 5196 घरों का सर्वेक्षण किया गया है।
अध्ययन के मुख्य लेखक और कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय से जुड़े सुमीत गुलाटी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वन्यजीव मानव टकराव में इंसान काफी नुकसान उठाता है।
शोधार्थियों ने कहा कि मानव-वन्यजीव के टकराव में इंसान की मौत होने पर हरियाणा में 76,400 रुपये से लेकर महाराष्ट्र में 8,73,995 रुपये तक मुआवजे का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि मानव की मौत होने पर देश में औसतन 1,91,437 रुपये का मुआवजा मिलता है जबकि घायल होने पर औसतन 6,185 रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
शोधार्थियों के मुताबिक, मानव के हताहत होने पर बेहतर मुआवजा दिए जाने से प्रजातियों के संरक्षण की चाह रखने वाले लोगों के प्रति द्वेष को कम किया जा सकता है।
गुलाटी ने कहा कि अगर सरकारों ने मानव जीवन के नुकसान के वास्तविक मूल्य की सटीक समझ के आधार पर संघर्ष को कम करने के उपाय किए तो टकराव और द्वेष कम होगा, जिससे जंगल के पास रहने वाले और वन में रहने वालों जीवों के बारे में फिक्रमंद लोगों के लिए बेहतर होगा।
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