सुब्रमण्यम स्वामी का केंद्र पर कटाक्ष, बोले- "बेरोजगारी को लेकर गलत आंकड़ें आईएमएफ को शेयर किए"
By आकाश चौरसिया | Published: November 8, 2023 12:26 PM2023-11-08T12:26:14+5:302023-11-08T12:46:05+5:30
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने गलत जानकारी आईएमएफ से शेयर की है। उन्होंने कहा कि इस कारण आईएमएफ ऐसे आंकड़ें देता है, जैसे उसके खुद के हो। इसलिए भरोसा कर पाना थोड़ा कठिन सा लगता है।
नई दिल्ली: सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर कहा कि पिछले 10 वर्षों में 5 फीसदी से बढ़कर 8 फीसदी बेरोजगारी का स्तर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आईएमएफ को गलत आंकड़ें दिए, जिसके कारण ऐसा लगता है कि यह आईएमएफ द्वारा आधिकारिक तौर पर देश भर से इकट्ठा किए गए हो।
फोर्ब्स के अुसार, प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल के दौरान देश में बेरोजगारी दर 5.3 से बढ़कर 8.4 फीसदी जा पहुंची है। बेरोजगारी देश में बड़ा मुद्दा है, क्योंकि बढ़ती जनसंख्या के साथ आर्थिक स्थिति पर संतुलन रखने में रोजगार एक अहम हिस्सा होता है। बेरोजगारी दर में उतार-चढ़ाव का देश की वृद्धि और विकास पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। तो ऐसे में ये जानना जरुरी है कि बेरोजगारी की दर क्या है?
2023 (अक्टूबर) में 10.05 % बेरोजगारी दर- फोर्ब्स
फोब्र्स के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में भारत के पिछले 15 सालों के बेरोजगारी के आंकड़े हैं। इसमें 2023 में 10.05 फीसदी अक्टूबर में बेरोजगारी दर रही, 7.33 फीसदी बेरोजगारी दर 2022 में, 5.98 बेरोजगारी दर साल 2021 में, 2020 में 8 फीसदी बेरोजगारी दर और साल 2019 में 5.27 फीसदी के साथ बेरोजगारी दर रही है।
Unemployment rate in India (2008 to 2023): Current rate, historical trends and more https://t.co/DH0uEy8UBp
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 7, 2023
राष्ट्रीय सांख्यिकि सर्वे (एनएसएसओ) के अनुसार, 15 साल और उससे ऊपर के आयु वाले सभी लोगों में जनवरी-मार्च 2023 के दौरान 6.8 फीसदी बेरोजगारी दर हो गई, जो पिछले साल की इसी अविध में 8.2 फीसदी थी। यह सकारात्मक बदलाव कहीं न कहीं आर्थिक जटिलताओं में सुधार ला सकते हैं। हालांकि निरंतर सतर्कता और प्रभावी नीतिगत उपाय ही स्थायी रोजगार में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
दूसरी तरफ सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक, बेरोजगारी रेट जुलाई 2023 तक 7.95 फीसदी थी। भारत में बेरोजगारी एक गंभीर चिंता बनी हुई है, कई क्षेत्रों और दूसरे सेक्टर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
वहीं, नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक, बेरोजगारी दर 15 साल और उससे ऊपर की उम्र वालों का पिछले साल के मुकाबले 1 फीसदी घटकर 6.6 फीसदी पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा अप्रैल-जून 2023 तक का है, इससे पहले इसी अवधि में यह दर 7.6 फीसदी की थी।
फैल रही बेरोजगारी मौसम की भी भूमिका रहती है, क्योंकि इसका भी प्रभाव आर्थिक स्थिति में अहम होता है। वहीं, खेतों की सिंचाई के लिए भी वर्षा के पानी की जरूरत होती है और यह एक बड़े क्षेत्र में अपना असर डालती है। बेरोजगारी से छुटकारे मिलने पर सकारात्मक प्रभाव एक स्तर पर आकर आर्थिक विकास में मजबूती देगा और इससे कृषि क्षेत्र में भी श्रम की मांग में सुधार हो सकता है।