सुभाष चंद्र बोस जयंती: धूल खा रहा है नेताजी की धरोहरों का ये अनोखा संग्रहालय

By कोमल बड़ोदेकर | Published: January 23, 2018 11:12 AM2018-01-23T11:12:05+5:302018-01-23T12:11:32+5:30

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था।

Subhash Chandra Bose birth day:Netaji treasure trove seeks Government support in kendrapara | सुभाष चंद्र बोस जयंती: धूल खा रहा है नेताजी की धरोहरों का ये अनोखा संग्रहालय

सुभाष चंद्र बोस जयंती: धूल खा रहा है नेताजी की धरोहरों का ये अनोखा संग्रहालय

आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 121वीं जयंती है। बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था। सरकार जहां नेता जी की जंयती पर कसीदे पढ़ रही है वहीं केंद्रपाड़ा में बना उनका एक संग्रहलाय सरकारी की उपेक्षाओं के चलते धूल खाने को मजबूर है।

यह संग्रहालयल 55 वर्षीय वकील मोहम्मद मुस्ताक के छोटे से घर के एक कमरे में सहेजा गया है। इस संग्रहालय में नेताजी की कई दुर्लभ फोटो, दस्तावेज, सिक्के, अखबार की कतरनों के अलावा कई ऐतिहासिक चीजें हैं।

इस संग्रहालय में कटक के वकील अशोक बॅनर्जी और उनके परिवार के साथ नेताजी की एक पुरानी तस्वीर है। इस यादगार तस्वीर को साल 1935 में लिया गया था। वहीं नेताजी द्वारा उपयोग किए गए दो दुर्लभ सिक्कों को भी यहां सहेज कर रखा गया है। सरकार द्वारा साल 1997 में नेताजी की जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान इन सिक्कों को चलन में लाया गया था।

इसके अलावा यहां तीन सिक्के ऐसे भी हैं जिन्हें सरकार ने जन्म शताब्दी वाले सिक्के गलती से साल 1996 में ही पेश कर दिया था। वहीं नेताजी द्वारा इस्तेमाल किया गया एक होम्योपैथी बॉक्स, मोगूनी (ग्रेनाइट) ग्लास और लालटेन जैसी चीजें भी शामिल हैं। 

बता दें  नेताजी शुरू से ही अपने मुखर व्यवहार के लिए पहचाने जाते थे। यही कारण था कि उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस की चरणबद्ध आजादी न सिर्फ विरोध किया बल्कि पूरे देश को एक साथ आजाद कराने की बात भी रखी थी। सुभाष चंद्र बोस ने इसके लिए ब्रिटिश सरकार को खुली चुनौती तक दी थी। बोस ने "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा बुलंद किया था। 

इन सबसे इतर सुभाष चंद्र बोस की मौत आज भी एक रहस्य है। कोई नहीं जानता की बोस की मौत किन हालातों में हुई। भारत सरकार ने उनसे जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए कई बार अलग-अलग देश की सरकारों से संपर्क किया लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। 

18 अगस्त 1945 को नेताजी हवाई जहाज से जापान से मंचूरिया जा रहे थे। इस सफर के दौरान ताइहोकू हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ज्यादातर लोगों का मानना है कि नेताजी की इस दुर्घटना में मौत हो गयी थी। हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि इसके बाद भी वो जीवित रहे थे और अज्ञातवश में चले गये थे।

Web Title: Subhash Chandra Bose birth day:Netaji treasure trove seeks Government support in kendrapara

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