पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक फसलों, खानपान की आदतों पर मौसम के प्रभाव को लेकर अध्ययन
By भाषा | Published: September 23, 2021 06:30 PM2021-09-23T18:30:07+5:302021-09-23T18:30:07+5:30
पिथौरागढ़, 23 सितंबर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक फसलों और लोगों के खान-पान की बदलती आदतों पर बदलते मौसम के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए सर्वोदय मंडल टिहरी और बीज बचाओ आंदोलन ने एक अध्ययन शुरू किया है।
ग्राम उत्पादों और पारंपरिक बीजों को बढ़ावा देने के लिए काम करनेवाले दोनों संगठनों ने बुधवार को इस अभियान के तहत पिथौरागढ़ जिले के अस्कोट गांव से एक अध्ययन यात्रा शुरू की जो 25 दिन बाद उत्तरकाशी जिले के आराकोट गांव में संपन्न होगी।
सर्वोदय कार्यकर्ता और बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जरदारी ने बताया कि उनकी टीम पर्वतीय गांवों में जल, जंगल और जमीन की वर्तमान दशाओं, उनके बदलते स्वरूप और उस बदलाव के कारणों का अध्ययन करेंगी।
ये टीम यात्रा के दौरान प्रदेश के बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों से होकर गुजरेंगी और इनका उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं तथा किसानों को विकास कार्यों के कारण मौसम के बदलते स्वरूप के प्रभाव और उससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना है।
अभियान के प्रवक्ता रघुभाई जरदारी ने बताया कि इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में उगाए जाने वाले 12 पारंपरिक अनाजों के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा।
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