बैंकों के विलय को लेकर कल हड़ताल, कामकाज पर असर पड़ने की उम्मीद, निजी क्षेत्र के बैंक शामिल नहीं

By भाषा | Published: October 21, 2019 07:59 PM2019-10-21T19:59:30+5:302019-10-21T19:59:30+5:30

इससे बैंकों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस संबंध में पहले ही सूचित कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों के विलय और जमा राशि पर दरों में गिरावट के विरोध में यूनियनों ने एक दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

Strike on merger of banks tomorrow, expected to affect operations, private sector banks not included | बैंकों के विलय को लेकर कल हड़ताल, कामकाज पर असर पड़ने की उम्मीद, निजी क्षेत्र के बैंक शामिल नहीं

ऐसे में हड़ताल से बैंक के कामकाज पर असर काफी सीमित रहेगा।

Highlightsएसबीआई) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को हड़ताल और उसके प्रभाव के बारे में पहले ही सूचित कर दिया है। सिंडिकेट बैंक ने कहा, ‘‘प्रस्तावित हड़ताल को लेकर बैंक ने अपनी शाखाओं में सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय और जमा राशि पर ब्याज दर घटने के विरोध में कुछ कर्मचारी यूनियनों ने मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

इससे बैंकों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस संबंध में पहले ही सूचित कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों के विलय और जमा राशि पर दरों में गिरावट के विरोध में यूनियनों ने एक दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

हड़ताल का आह्वान आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) व बैंक एम्पलाइज फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) ने किया है। हालांकि, अधिकारी और निजी क्षेत्र के बैंक हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को हड़ताल और उसके प्रभाव के बारे में पहले ही सूचित कर दिया है।

एसबीआई ने पिछले सप्ताह शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, ‘‘इस हड़ताल में शामिल कर्मचारी यूनियन में हमारे बैंक कर्मचारियों की सदस्यता संख्या काफी कम है। ऐसे में हड़ताल से बैंक के कामकाज पर असर काफी सीमित रहेगा।’’

सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक सिंडिकेट बैंक ने कहा, ‘‘प्रस्तावित हड़ताल को लेकर बैंक ने अपनी शाखाओं में सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। हालांकि, हड़ताल होने की स्थिति में बैंक शाखाओं-कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हो सकता है।’’

एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, ‘‘मुख्य श्रमायुक्त द्वारा बुलाई गई बैठक का नतीजा सकारात्मक नहीं रहने की वजह से हमने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।’’ मुख्य श्रमायुक्त के समक्ष भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और यूनियनों की बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमारा हड़ताल का आह्वान अपनी जगह कायम है। हम देशभर में यूनियनों और सदस्यों से इस हड़ताल में शामिल होने का आह्वान करते हैं।’’ पिछले महीने बैंक अधिकारियों की यूनियनों ने 26-27 सितंबर को दो दिन की हड़ताल की घोषणा की थी।

लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल को वापस ले लिया गया था। इस बीच, भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ ऑफिसर्स तथा इनसे जुड़ी बैंक यूनियंस ने बताया है कि वह 22 अक्टूबर को प्रस्तावित बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हैं। समूचे बैंक उद्योग की 9 यूनियनों में से केवल दो यूनियनों ने ही इस हड़ताल का आहवाहन किया है। 

Web Title: Strike on merger of banks tomorrow, expected to affect operations, private sector banks not included

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