कहानीकार शशिभूषण द्विवेदी का गुरुवार (7 मई) को निधन हो गया। राजकमल प्रकाशन ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वह 45 वर्ष के थे। उनके आकस्मिक निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। शशिभूषण द्विवेदी का जन्म 26 जुलाई 1975 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था। वह गाजियाबाद में रहते थे।
पारिवारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि गुरुवार शाम हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। दो साल पहले उनका कथा संग्रह 'कहीं कुछ नहीं' राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया था।
उन्हें उनकी कृतियों के लिए ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार, सहारा समय कथा चयन पुरस्कार और कथाक्रम कहानी पुरस्कार से नवाजा गया था। उनका ब्रह्महत्या नामक कथा संग्रह खासा लोकप्रिय हुआ था।
सोशल मीडिया पर यूजर्स कहानीकार शशिभूषण को विनम्र श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
रवि राजौली नाम के यूजर ने लिखा, ''अन्तिम जोहार के साथ विनम्र श्रद्धांजलि।''
सत्यानंद निरूपम नाम के यूजर ने कहानीकार शशिभूषण की लिखी पंक्तियों को ही ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पत्रकार बिक्रम प्रताप ने लिखा, ''कभी मिला नहीं था। कभी बात भी नहीं हुई थी। फिर भी शशिभूषण द्विवेदी को पढ़ना अच्छा लगता था। उनका असमय गुजर जाना अखर गया। मन दुखी है।''
इसी तरह और भी ढेरों प्रतिक्रियाएं आ रही हैं-