Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई का हलफनामा, कहा, 'सभी जानकारियां दी गई'
By धीरज मिश्रा | Published: March 21, 2024 03:46 PM2024-03-21T15:46:51+5:302024-03-21T16:38:53+5:30
Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई का हलफनामा, एसबीआई ने कहा, सभी जानकारियां दी गई
Electoral Bonds: एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में कंप्लायंस रिपोर्ट दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में बैंक के चेयरमैन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 18 मार्च के आदेश के मुताबिक़ बॉन्ड के खरीदने वाले, बॉन्ड के नंबर, जिस पार्टी ने इन कैश कराया है उसका नाम, कितने का बॉन्ड था, ये सब सूचना चुनाव आयोग को सौंप दिया गया है।
Electoral Bonds: State Bank of India (SBI) Chairman files compliance affidavit in Supreme Court saying that all details of Electoral Bonds, including the alphanumeric numbers, have been disclosed to the Election Commission.
— ANI (@ANI) March 21, 2024
On March 21, 2024, the SBI provided /disclosed all… pic.twitter.com/6D2UC0QjDH
एसबीआई ने कहा कि दो सेट में डेटा दिया है। पहला बॉन्ड खरीदने वाले बॉन्ड की सिरीज नंबर। राजनीतिक दलों ने किस नंबर का बॉन्ड भुनाया है। अब ये आसानी से पता लगाया का सकेगा कि किस बिजनेसमैन ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को 21 मार्च तक सभी चुनावी बांड विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में बैंक से बांड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और उसे अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। निर्वाचन आयोग ने 17 मार्च को चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ₹6,986.5 करोड़ की अधिकतम धनराशि प्राप्त हुई।
आम मतदाता समझ पाएगा डाटा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के निर्देश में कहा था कि एसबीआई उस फॉर्मेट में डाटा शेयर करे, जिससे आम मतदाता आसानी से डाटा समझ सके। इस डाटा में बैंक यूनिक कोड के साथ दो पार्ट में डेटा जारी करने के लिए कहा था। जैसा कि पार्ट-1 में किसी दिन इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदे गए, इसकी जानकारी होनी चाहिए। खरीदने वालों के नाम , बॉन्ड्स के यूनिक कोड, और उसके डिनॉमिनेशन यानी उसकी कीमत दी गई हो। वहीं, पार्ट-2 में इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने की राजनीतिक पार्टी का नाम।