संघर्ष शुरू करना भारत के मूल्यों के विरुद्ध, लेकिन चुनौतियों का सामना करने को हमेशा तैयार: राजनाथ

By भाषा | Updated: October 28, 2021 21:24 IST2021-10-28T21:24:04+5:302021-10-28T21:24:04+5:30

Starting a struggle against India's values, but always ready to face challenges: Rajnath | संघर्ष शुरू करना भारत के मूल्यों के विरुद्ध, लेकिन चुनौतियों का सामना करने को हमेशा तैयार: राजनाथ

संघर्ष शुरू करना भारत के मूल्यों के विरुद्ध, लेकिन चुनौतियों का सामना करने को हमेशा तैयार: राजनाथ

पंचकूला, 28 अक्टूबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोई भी संघर्ष शुरू करना शांतिप्रिय भारत के मूल्यों के विरुद्ध है लेकिन वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

रक्षा मंत्री ने यहां रामगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल) में यह बात कही जहां उन्होंने संवर्द्धित पर्यावरण परीक्षण केंद्र का उद्घाटन भी किया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मित्रो, आप जानते हैं कि भारत हमेशा शांतिप्रिय देश रहा है और आज भी है। हमारी तरफ से किसी भी प्रकार के संघर्ष को शुरू करना हमारे मूल्यों के खिलाफ है। लेकिन यह भी उतना ही सही है कि अगर जरूरत पड़ी तो हमारा देश हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें बुधवार को सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में देश के शीर्ष रक्षा अधिकारियों को संबोधित करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में विचार-विमर्श हुआ कि समय कितनी तेजी से बदल रहा है। दुनिया के देशों के बीच परस्पर संबंधों, व्यापार, अर्थव्यवस्था, राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मामलों में यह बदलाव स्पष्ट देखा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैज्ञानिक क्षमताओं और नये अविष्कारों में वृद्धि ने भी सुरक्षा पर बड़ा असर डाला है।’’

पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए सिंह ने कहा कि वह कहते थे, ‘‘इस दुनिया में डर के लिए कोई जगह नहीं है। केवल एक महाशक्ति दूसरी का सम्मान करती है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘हम भारत को ऐसा मजबूत भारत बनाना चाहते हैं जो बड़ी से बड़ी महाशक्ति की आंखों में आंखें डालकर देख सके।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि टीआरबीएल रेंज के दौरे पर उन्हें यहां विकसित किये जा रहे शस्त्रों के बारे में तथा परीक्षण और मूल्यांकन सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गयी।

सिंह ने कहा कि इस वर्ष अगस्त में उन्होंने एक मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड (एमएमएचजी) भारतीय सेना को सौंपा था जिसकी डिजाइन टीआरबीएल में तैयार की गयी। यह सशस्त्र बलों के लिए निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला हथियार है।

रक्षा मंत्री के अनुसार उन्हें बताया गया कि इस ग्रेनेड ने उत्पादन में 99.5 प्रतिशत से अधिक की कार्यात्मक विश्वसनीयता हासिल की। रक्षा मंत्री ने मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड को विश्व स्तरीय करार दिया, जो टीबीआरएल और वैज्ञानिकों की क्षमताओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि निजी उद्योगों को समर्थन दिया जाना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने टीबीआरएल की अन्य उपलब्धियों को भी सूचीबद्ध किया, जिसमें चौथी पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज के विकास के उन्नत स्तर तक पहुंचना भी शामिल है, जो समकालीन होने के साथ-साथ सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय है।

सिंह ने भारतीय मानकों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए इस तथ्य की भी सराहना की कि भारतीय मानक बुलेट प्रतिरोधी जैकेट के परीक्षण को प्रारम्भ किया गया है और टीबीआरएल इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अन्य सुरक्षात्मक प्रणालियों और गियर के लिए डिजाइन, विकास तथा कार्यप्रणाली के लिए भारतीय मानक विकसित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बूट एंटी-माइन इन्फैंट्री, बूट एंटी-माइन इंजीनियर्स, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल और गियर्स आदि के मूल्यांकन के लिए परीक्षण पद्धतियों को मानकीकृत किया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह के भारतीय मानक निश्चित रूप से भारतीय उद्योग को न केवल खतरों के खिलाफ उत्पाद को बेंचमार्क करने में मदद करेंगे, बल्कि उन्हें विदेशी निर्माताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने में भी सहायता पहुचायेंगे।

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