4 साल बाद पीएम मोदी को क्यों समझना पड़ा 'स्टार्टअप्स' का मतलब, क्या स्टार्टअप्स हैं नौकरी का विकल्प?
By भाषा | Published: June 6, 2018 11:56 AM2018-06-06T11:56:38+5:302018-06-06T11:56:57+5:30
मोदी ने कहा, 'एक वक्त था जब स्टार्टअप का मतलब केवल डिजिटल और तकनीकी नवोन्मेष से था। अब चीजें बदल रही है, हम विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप देख रहे हैं'।
नई दिल्ली, 6 जूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नमो एप के जरिए स्टार्टअप्स की बात की। वे सरकार के चार साल पूरे होने पर होने रोजाना नमो ऐप के जरिए जनता से संपर्क साध रहे हैं। उन्होंने बुधवार को स्टार्टअप्स पर बातचीत की। हालांकि विपक्ष सरकार की इस नीति पर लगातार हमलावर रहा है। मोदी सरकार पर रोजगार सृजित ना कर पाने के भी आरोप हैं। जबकि बीजेपी ने लगातर स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना को नौकरियों के ऊपर तरजीह दी है।
इस दौरान उन्होंने कहा, 'स्टार्टअप्स ना केवल बड़े शहरों में शुरू हो रहे है बल्कि छोटे शहर और गांव भी स्टार्टअप्स के अग्रणी केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं'।
उन्होंने कहा, 'स्टार्टअप सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त पूंजी, साहस और लोगों से जुड़ने की जरूरत है'। मोदी अनुसार, 'एक वक्त था जब स्टार्टअप का मतलब केवल डिजिटल और तकनीकी नवोन्मेष से था। अब चीजें बदल रही है, हम विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप देख रहे हैं'।
मोदी ने कहा, 'एक वक्त था जब स्टार्टअप का मतलब केवल डिजिटल और तकनीकी नवोन्मेष से था। अब चीजें बदल रही है, हम विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप देख रहे हैं'।
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मोदी ने कहा, 'भारत एक युवा राष्ट्र है। आज के युवा रोजगार सृजनकर्ता बन रहे हैं। हम जनसांख्यिकी लाभांश का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं'।
आज 45 फीसद स्टार्टअप महिलाओं द्वारा शुरू किए गए हैं : प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने बताया कि स्टॉर्टअप को बढ़ावा देने के लिए पूंजी जरूरी। वित्तपोषण के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष की स्थापना की गई। इसमें आज 45 फीसद स्टार्टअप महिलाओं द्वारा शुरू किए गए हैं ।
उन्होंने कहा, 'स्टार्टअप अपने उत्पादों को सरकार को बेच सकते हैं , हमने उनके लिए नियमों को सरल किया है; भारत ने वैश्विक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में खुद से पहचान बनाई है'।