दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़कर 42 प्रतिशत हुई, इस मौसम में सबसे ज्यादा

By भाषा | Published: November 5, 2020 06:43 PM2020-11-05T18:43:56+5:302020-11-05T18:43:56+5:30

Starch burning has increased to 42 percent in Delhi's pollution, the highest this season | दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़कर 42 प्रतिशत हुई, इस मौसम में सबसे ज्यादा

दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़कर 42 प्रतिशत हुई, इस मौसम में सबसे ज्यादा

नयी दिल्ली, पांच नवंबर हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली केंद्र सरकार की एक एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाए जाने का हिस्सा बृहस्पतिवार को बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया, जो इस मौसम में अब तक का सर्वाधिक है।

विशेषज्ञों ने कहा है कि पराली जलाए जाने की घटना में तेज वृद्धि के साथ ही हवा की गति और तापमान में गिरावट होने से बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगभग एक साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाए जाने की घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और बुधवार को यह संख्या 4,135 पर पहुंच गयी, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है।

सफर ने कहा कि हवा की दिशा पराली जलने से निकलने वाले प्रदूषक तत्वों के दिल्ली तक पहुंचने के अनुकूल है।

एजेंसी ने कहा, "दिल्ली में पीएम 2.5 जनित प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को 42 फीसदी रही।"

दिल्ली में वायु प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी बुधवार को पांच प्रतिशत, मंगलवार को 10 प्रतिशत, सोमवार को 16 और रविवार को 40 प्रतिशत रही थी।

सफर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली का कुल योगदान 44 फीसदी तक बढ़ गया था।

नासा की उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में पराली जलाए जाने की घटनाएं दिख रही हैं।

सफर ने अगले दो दिनों में प्रदूषकों के फैलाव के लिए अनुकूल परिस्थितियों का अनुमान जताया है।

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 10 बजे दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 561 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो पिछले साल 15 नवंबर के बाद उच्चतम स्तर पर था, जब यह 637 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे पीएम10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है।

पीएम 2.5 का स्तर दोपहर 12 बजे 347 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। पीएम2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक सुरक्षित माना जाता है।

दिल्ली में दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 472 दर्ज किया गया। बुधवार को सुबह 10 बजे यह 279 था।

महानगर के सभी 36 निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ''गंभीर'' श्रेणी में दर्ज किया है।

Web Title: Starch burning has increased to 42 percent in Delhi's pollution, the highest this season

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