अब फेक न्यूज फैलाई तो खैर नहीं, जानिए नए प्रस्तावित कानून के अनुसार कितनी सजा होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 12, 2023 01:46 PM2023-08-12T13:46:32+5:302023-08-12T13:47:48+5:30

मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 11 अगस्त को लोकसभा में ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए तीन नये विधेयक पेश किये।

Spreading fake news will now be punished for 3 years Home Minister Amit Shah has proposed | अब फेक न्यूज फैलाई तो खैर नहीं, जानिए नए प्रस्तावित कानून के अनुसार कितनी सजा होगी

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsफेक न्यूज फैलाने पर होगी अब 3 साल की सजा बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने में पेश किया प्रस्तावलोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 11 अगस्त को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया। प्रस्तावित विधेयक को फिलहाल  समीक्षा के लिए स्थायी समिति को भेजा गया है। इसमें कुछ ऐसे अपरधों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है जिनके लिए पहले कोई विशेष कानून नहीं था। ऐसा ही एक अपराध है फेक न्यूज फैलाना।

अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 के प्रस्तावों के अनुसार धारा 195 के तहत भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली 'फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी' फैलाने वालों से के लिए खास प्रावधानों का जिक्र किया गया है। ऐसा करने वाले को तीन साल तक की कैद की सजा दी जाएगी। 

धारा 195 (1) डी में लिखा है, "यदि कोई भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाता है या प्रकाशित करता है, तो उसे कारावास से दंडित किया जाएगा।  जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। सिर्फ जुर्माना या जुर्माना या जेल दोनों की सजा हो सकती है।"

यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत 'सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों' के तहत 'राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे' विषय के तहत शामिल है। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को न्याय देना और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा करना है। विधेयक पेश करते हुए शाह ने कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा।

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में ब्रिटिश कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए तीन नये विधेयक पेश किये और कहा कि अब राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। शाह ने सदन में भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को पेश करते हुए कहा कि देश में गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पांच प्रण के अनुरूप इन विधेयकों को लाया गया है जो जनता के लिए न्याय प्रणाली को सुगम और सरल बनाएंगे।

गृह मंत्री के प्रस्ताव पर तीनों विधेयकों को संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा ताकि इन पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने राजद्रोह पर कानून बनाया था लेकिन हम राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त करने जा रहे हैं। 

Web Title: Spreading fake news will now be punished for 3 years Home Minister Amit Shah has proposed

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