सपा ने बसपा नेता के बेटे को बनाया पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार, नेता ने पार्टी छोड़ी

By भाषा | Updated: June 19, 2021 16:43 IST2021-06-19T16:43:09+5:302021-06-19T16:43:09+5:30

SP made BSP leader's son the candidate of panchayat president, the leader left the party | सपा ने बसपा नेता के बेटे को बनाया पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार, नेता ने पार्टी छोड़ी

सपा ने बसपा नेता के बेटे को बनाया पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार, नेता ने पार्टी छोड़ी

बलिया (उप्र) 19 जून समाजवादी पार्टी ने शनिवार को बहुजन समाज पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के बेटे आनन्द चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है ।

इसके बाद बसपा विधान मंडल दल के उप नेता उमाशंकर सिंह ने पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया हैं ।

उधर पूर्व मंत्री एवं बसपा नेता अम्बिका चौधरी ने बेटे आनन्द को सपा द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बानाये जाने के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है ।

पूर्व मंत्री ने आज यहां जारी बयान में कहा, ‘‘मेरे बेटे आनन्द चौधरी को सपा द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है । ऐसे में उनकी निष्ठा पर कोई प्रश्न चिन्ह प्रस्तुत हो, इसके पूर्व ही उन्होंने बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है ।’’

उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रेषित कर दिया है ।

सपा के जिलाध्यक्ष राज मंगल यादव ने बताया कि दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के निर्देश पर जिला पंचायत वार्ड नम्बर 45 के सदस्य आनन्द चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का सपा का उम्मीदवार घोषित किया गया है ।

उल्लेखनीय है कि अम्बिका चौधरी मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं । सपा में उठापटक के बाद वह बसपा में शामिल हो गए थे ।

उधर बसपा विधानमंडल दल के उप नेता उमाशंकर सिंह ने पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अम्बिका ने अपने आचरण के अनुरूप कदम उठाया है ।

उन्होंने कहा है कि अम्बिका चौधरी को सपा ने निकाल दिया तो बसपा ने उन्हें सम्मान दिया तथा फेफना क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया ।

उन्होंने कहा कि अम्बिका के बेटे आनंद बसपा के उम्मीदवार के रूप में ही जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव जीते तथा बसपा ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था ।

दूसरी ओर चौधरी ने पत्रकारों को जारी बयान में कहा है कि वह विधानसभा के विगत चुनाव 2017 के पहले बसपा में शामिल हुए थे और इसके बाद से वह बसपा के एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे ।

उन्होंने बताया कि उन्हें जो भी उत्तरदायित्व सौंपा गया, उसका उन्होंने निष्ठा पूर्वक पालन किया । लोकसभा के 2019 में हुये चुनावा के बाद से वह बसपा में स्वयं को उपेक्षित व अनुपयोगी महसूस कर रहे थे ।

अम्बिका चौधरी जिले की कोपाचीट सीट से पहली बार वर्ष 1993 में सपा के टिकट पर निर्वाचित हुए तथा वर्ष 2012 तक वह लगातार विधायक रहे। चौधरी 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उपेंद्र तिवारी से हार गए । 2017 के विधानसभा चुनाव में वह बसपा उम्मीदवार के रूप में फेफना सीट से चुनाव लड़े तथा पराजित हो गए।

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