लखनऊ: रामपुर में निकाय चुनाव के प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। सभा में उन्होंने केंद्र के मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और लोगों से सवाल पूछते हुए कहा है कि आप क्या चाहते है कि कोई आए और मेरी कंपटी पर गोली मारकर चला जाए।
जनसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा है कि "आप मुझसे, मेरी बीवी-बच्चों और मेरे चाहने वालों से क्या चाहतो हो? ये चाहते हो कि कोई आए और मेरी कनपटी पर गोली चलाकर चला जाए, बस इतना ही तो रह गया है। बचा लो आज भी, निजाम ए हिंद और कानून को बचा लो। आपको कुछ नहीं देना है सिर्फ अपने आप को हौसला देना है। जहां रोके जाओ वहीं बैठ जाओ कि आगे बढेंगे, वापस नहीं जाएंगे। वोट डालेंगे, ये हमारा पैदाइशी हक है।"
जनसभा में सपा नेता आजम खान ने क्या कहा
शुक्रवार को रामपुर में बोलते हुए सपा नेता आजम खान ने कहा है कि "जो लोग आज कह रहे हैं संविदा की नगर पालिका है.. पूरा देश आज संविदा पर है, लाल किला बिक गया, एयरपोर्ट बिक गए, पोर्ट बिक गए, रेलवे बिक गया, बचा ही क्या है? सिर्फ फौज रह गई है। वह हुकूमत ए हिंद के पास है, वह रहनी चाहिए। हमारी फौज और सरकारी फौज दो अलग चीजें हैं। हमारी फौज आपकी है और हमने इस फौज को हर मुहाने पर लड़ाकर देखा है और फतेह हासिल की है।"
सपा नेता आजम खान ने आगे कहा है कि "हमने यह शहर सियासत का यह नक्शा उत्तर प्रदेश मैं चार बार कब्जा यूं ही नहीं किया, घर की मुर्गी दाल बराबर कुछ समझ लो लेकिन चार बार हुकूमत तुम्हारी मजबूत मुट्ठी के बगैर नहीं बनी है और यही वजह रही कि खजाने के जिस बटन पर उंगली रख दी हमने, उस तिजोरी का ताला रामपुर वालों के लिए टूट गया।"
अपने और अपने बेटे के वोट देने के अधिकार पर क्या बोले आजम खान
जनसभा में अपने और बेटे अब्दुल्ला के बारे में बोलते हुए आजम खान ने कहा है कि "रामपुर वालों 150 करोड़ के हिंदुस्तान में तुम्हारी रामपुर की सीट का जिक्र हिंदुस्तान के वजीर-ए-आजम ने किया है। तुम्हारी यह हैसियत है। कितना डरते हैं तुमसे, कितना खौफ है और यह खौफ किसी जाति का नहीं है, ना मेरे वजीर होने का, ना ही मेरे एमपी एमएलए होने का, बल्कि यह खौफ है तुम्हारे और हमारे इत्तेहाथ का और हमारे बीच के एतमाद का।"
उन्होंने आगे कहा है कि "क्या हुआ विधानसभा के सदस्य रहें या ना रहें। एक शख्स जो नौजवानी की मंजिलें भी नहीं चढ़ सका, उसकी दो बार विधायकी खत्म कर दी गई मेरा और अब्दुल्ला का वोट देने का अधिकार भी खत्म हो गया।"