यूपी: सपा ने मुसलमानों को बिरयानी में तेजपत्ता की तरह किया है इस्तेमाल: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
By आजाद खान | Published: November 13, 2022 12:02 PM2022-11-13T12:02:53+5:302022-11-13T12:26:54+5:30
रामपुर में सभा को संबोधित करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "विपक्ष ने केवल वोट हासिल करने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा कर दी है।"
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक यूपी के सभी राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन पर हिंदू और मुस्लिम के बीच दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया है। ब्रजेश पाठक ने यह बयान शनिवार की शाम को दिया है जब वे रामपुर में पसमांदा समाज की एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
सभी में पाठक ने भाजपा के सरकार के आने के बाद राज्य में हुए बदलाब का भी जिक्र किया है। आपको बता दें कि रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने वाले है, ऐसे में ब्रजेश पाठक ने लोगों से यहां भाजपा को वोट देने की अपील की है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री ने क्या कहा
रामपुर में पसमांदा समाज की एक सभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी और उनकी राजनीति पर तंज कसा है। पाठक ने कहा है, "कांग्रेस, सपा और बसपा ने वोट लेने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दुष्प्रचार अभियान चलाया।"
भाजपा की तारीफ करते हुए यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "विपक्ष ने केवल वोट हासिल करने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा कर दी है, बीजेपी सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है, जिसमें पसमांदा समुदाय के लोगों को शामिल न किया गया हो, उन्हें बीजेपी की हर योजना का लाभ मिला हो।"
भाजपा से पहले वाले सरकारों पर साधा निशाना
सभा में ब्रिजेश पाठक ने पिछले सरकारों को भी घेरा और कहा कि यहां यूपी में 2017 में हालात कैसे थे और अब माहौल कैसा है, इसे अब सब कोई जानता है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि भाजपा की सरकार से पहले थानों पर माफियाओं और डकैतों का कब्जा था, लेकिन अब भाजपा की राज में कानून के राज को स्थापित किया है।
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यहां के यानी रामपुर के लोगों के लिए लखनऊ के दरवाजे हमेशा के लिए खुले है। ऐसे में पाठक ने लोगों को अगाह भी किया कि आने वाले चुनाव में राजनीतिक पार्टियों आपके बीच गलत सूचना फैलाने की कोशिश करेंगे, इस हालत में उनकी बात को ध्यान नहीं देना है।