उप्र विधानसभा चुनाव के लिए सपा और सुभासपा ने किया गठबंधन का ऐलान
By भाषा | Published: October 27, 2021 03:43 PM2021-10-27T15:43:15+5:302021-10-27T15:43:15+5:30
मऊ (उत्तर प्रदेश), 27 अक्टूबर समाजवादी पार्टी (सपा) और पूर्वांचल के राजभर मतदाताओं में दबदबा रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव गठबंधन कर लड़ने का बुधवार को औपचारिक ऐलान किया तथा राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में खदेड़ने का आह्वान किया।
सुभासपा द्वारा अपने 19वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां आयोजित 'वंचित पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक भागीदारी महापंचायत' में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के 'खेला होबे' के नारे की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 'खदेड़ा होवे' का नारा दिया।
महापंचायत के मुख्य अतिथि अखिलेश ने राज्य के दलितों, पिछड़ों, वंचितों तथा अन्य दबे-कुचले वर्गों का आह्वान किया कि अगला चुनाव उनके भविष्य का चुनाव है और इसमें भाजपा को सत्ता से खदेड़ना होगा। उन्होंने कहा कि अगर इस बार चूक गए तो पांच साल और पीछे चले जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनता को लूटने के सिवा और कोई काम नहीं किया और आज हालत यह है कि दिल्ली में बैठे भाजपा के लोग लखनऊ वालों के लिए झूठ बोल रहे हैं तथा लखनऊ वाले दिल्ली वालों के लिए झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा "जब सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लोग एक हो गए हैं तो हो सकता है कि जनता 400 सीटों पर भी विजयी कर दे। भाजपा जिस दरवाजे से सत्ता में आई है उसे ओमप्रकाश राजभर ने बंद कर दिया है और हम दोनों ने मिलकर उस पर सिटकनी लगा दी है।'
वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इस मौके पर कहा कि "बंगाल में 'खेला होबे' का नारा लगा था और दीदी (ममता बनर्जी) ने ऐसा खेला किया कि भाजपा चारों खाने चित हो गई। अब उप्र में खदेड़ा होबे।"
उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, "भाजपा के जो भी नेता गांव में वोट मांगने आएं, उनसे कहें कि जाओ पहले महंगाई कम कराओ, तब वोट की बात करना। यह ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव की फौज है, इससे टकराने की हिम्मत मत करना।"
राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश से योगी आदित्यनाथ की विदाई होनी चाहिए और वर्ष 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश में जातिवार जनगणना कराई जाएगी। कानून बनाकर गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अखिलेश यादव और राजभर की लखनऊ में मुलाकात हुई थी। हालांकि दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन को लेकर कोई पुष्टि नहीं की थी, लेकिन उसके बाद से इन दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं।
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