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भारतीय मौसम विभाग का अनुमान, इस साल केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून आने में हो सकती है चार दिन की देरी

By मनाली रस्तोगी | Updated: May 15, 2020 13:46 IST

भारत के मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान ने इस बार केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून आने में चार दिन की देरी बताई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा।

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ठळक मुद्देमानसून की सामान्य शुरुआत की तारीख 1 जून है, इस बार हो सकती है चार दिन की देरीकेरल में पिछले साल मौसम विभाग के पूर्वानुमान की तुलना में दो दिन बाद यानि 8 जून से मानसून शुरू हुआ था

नई दिल्ली: भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को बताया कि इस साल केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून आने में चार दिन की देरी हो सकती है। विभाग ने बताया कि मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा। मौसम विभाग ने बताया, 'इस साल केरल में मानसून सामान्य तारीख के मुकाबले कुछ विलंब से आएगा। राज्य में मानसून पांच जून तक आ सकता है।' केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। 

मालूम हो, वैसे तो मानसून की सामान्य शुरुआत की तारीख 1 जून है। मगर पूर्वानुमान में +/- 4 दिनों का एक त्रुटि मॉडल होता है। हालांकि, केरल में पिछले साल मौसम विभाग के पूर्वानुमान की तुलना में दो दिन बाद यानि 8 जून से मानसून शुरू हुआ था। ऐसे में पिछले साल धीमी शुरुआत हुई थी, जो जून में सामान्य बारिश से कम थी। मगर इस साल संभावनाएं बेहतर दिख रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सामान्य रहने और 88 सेंटीमीटर के दीर्घकालिक औसत के अनुरूप होने की उम्मीद है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान ने इस बार किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए एक राष्ट्रव्यापी तालाबंदी की उम्मीद जगाई है। दरअसल, दक्षिण पश्चिम मानसून भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दक्षिण-पश्चिम मानसून में जून से सितंबर तक चार महीनों में वार्षिक वर्षा का 75% से अधिक होती है। देश की लगभग 60% आबादी कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर है और अधिकांश कृषि योग्य भूमि अभी भी वर्षा आधारित है।

यही नहीं, वैश्विक पूर्वानुमान बताते हैं कि इस बार तो इएनएसओ (ENSO) जोकि मानसून की बारिश को प्रभावित करता है, वह भी तटस्थ चरण में है और अगले कुछ महीनों में ऐसा ही रहने की संभावना है। वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती संचलन के कारण इस बार मानसून का लगभग छह दिन पहले यानि 16 मई के आसपास अंदमान और निकोबार द्वीप पहुंचने की संभावना है। 

आमतौर पर मानसून 20 मई के आसपास अंडमान और निकोबार द्वीप पहुंचता है। अंडमान और निकोबार के लिए शुरुआत की तारीख पिछले महीने 22 मई को संशोधित की गई थी। मगर अब इसे 16 मई बताया जा रहा है। एक बार अंडमान और निकोबार पहुंचने के बाद मानसून को केरल पहुंचने में महज 10-11 दिन लगते हैं जो भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।

(भाषा इनपुट भी)

टॅग्स :मानसूनकेरलअंडमान निकोबार द्वीप समूह
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