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केरल पहुंचा मानसून, जानिए दूसरी जगहों पर होगी बारिश

By रामदीप मिश्रा | Updated: May 29, 2018 12:41 IST

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से तीन दिन पहले ही केरल पहुंच गया है, जिसके चलते बारिश का दौर शुरू हो गया है।

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नई दिल्ली, 29 मईः इस समय आसमान से आग के 'शोले' बरस रहे हैं, जिसके चलते लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। लेकिन, अच्छी खबर यह है कि इस भीषण गर्मी से जल्द निजात मिलने वाली है। दरअसल, मानसून ने तय समय सीमा से पहले ही केरल में एंट्री मार दी है, जहां झमाझम बारिश हो रही है। केरल पहुंचने वाला मानसून ही सक्रिय होकर देश के उत्तरी क्षेत्र में आता है, जिससे राजधानी दिल्ली समेत उत्तर और दक्षिण के राज्यों को गर्मी से राहत मिलती है।

बारिश का दौर हुआ शुरू

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से तीन दिन पहले ही केरल पहुंच गया है, जिसके चलते बारिश का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिमी मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है। भारत मेट्रोलोजिकल विभाग हैदराबाद ने बताया था कि दक्षिणपूर्व अरब सागर और मध्य अरब सागर के हिस्सों, केरल के हिस्सों, दक्षिण और आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और बंगाल की खाड़ी में मानसून के आगे बढ़ने के लिए उपयुक्त स्थितियां बनी हैं। 

आमतौर पर एक या दो जून को आता है मानसून

वहीं, मौसम पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, मानसून ने चार दिन पहले ही सोमवार को केरल में दस्तक दे दी। सोमवार सुबह केरल के कई इलाकों में जबरदस्त बारिश हुई है। केरल में आमतौर पर मानसून 1 या 2 जून को आता है। स्काइमेट ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी। इसके साथ देश में दक्षिण पश्चिम मानसूनी बरसात का मौसम शुरू हो गया है। 

ऐसे मानसून आने का लगाया जाता है अंदाजा

मौसम विभाग के मुताबिक, यदि 10 मई के बाद केरल में स्थापित 14 मौसम निगरानी केंद्रों में से 60 प्रतिशत में लगातार दो दिन 2.5 मिली मीटर या उससे अधिक की वर्षा लगातार दो दिन तक दर्ज की जाती है , तो दूसरे दिन केरल में मानसून के प्रवेश की घोषणा की जा सकती है। यह मानसून आने के मुख्य मानदंडों में से एक है। 

इस साल होगी सामान्य बारिश

इस साल भारत का मौसम विभाग दावा कर चुका है कि देश में मानसून लंबी अवधि का औसत 97 फीसदी रहेगा जो इस मौसम के लिए सामान्य होगा। मानसून में कमी रहने की 'बहुत कम संभावना' है। जबकि, स्काईमेंट ने मानसून बताया था कि चार महीने के मानसून के दौरान देश में करीब 87 फीसद बारिश होगी। हालांकि, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर के प्रमुख हिस्सों में इस मौसम में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई थी और इस बार बारिश की शुरुआत भी समय पर होना बताया था।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें

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