नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने एक अहम फैसले में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दे दी है, जिसे अब आगामी मानसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। सीएनबीसी-आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसी सत्र में इसे पास भी करवाना चाहती है।
सरकार ने नवंबर 2022 में बहुप्रतीक्षित पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट सामने रखा था। बिल का संशोधित संस्करण केवल व्यक्तिगत डेटा पर केंद्रित है, जिससे गैर-व्यक्तिगत डेटा के उपयोग को विनियमित करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
बिल के नवंबर 2022 संस्करण में कहा गया है कि डेटा फिड्यूशियरी बच्चों की ट्रैकिंग या व्यवहार संबंधी निगरानी या बच्चों के लिए निर्देशित विज्ञापन का कार्य नहीं करेगी। इसका अनुपालन न करने पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि उपयोगकर्ता को अपनी जानकारी साझा करने, प्रबंधन करने, सहमति वापस लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
उदाहरण के लिए, जब कोई व्यक्ति अपना बचत बैंक खाता बंद करता है, तो बैंक को खाते से संबंधित उसका डेटा हटाना पड़ता है। इसी तरह, यदि कोई उपयोगकर्ता किसी विशेष प्लेटफ़ॉर्म पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट को हटा देता है, तो उसका डेटा हटाना होगा क्योंकि बिल में कहा गया है कि एक डेटा फ़िडुशियरी को व्यक्तिगत डेटा केवल तब तक ही रखना चाहिए जब तक कि यह उस उद्देश्य के लिए आवश्यक हो जिसके लिए इसे एकत्र किया गया था।