जल्द ही पूर्व सैनिकों के लिए होंगे और भी महत्वपूर्ण फैसले : रक्षा मंत्री

By भाषा | Updated: December 15, 2021 18:58 IST2021-12-15T18:58:47+5:302021-12-15T18:58:47+5:30

Soon there will be more important decisions for ex-servicemen: Defense Minister | जल्द ही पूर्व सैनिकों के लिए होंगे और भी महत्वपूर्ण फैसले : रक्षा मंत्री

जल्द ही पूर्व सैनिकों के लिए होंगे और भी महत्वपूर्ण फैसले : रक्षा मंत्री

देहरादून, 15 दिसंबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार सैनिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों का भी उतना ही सम्मान करती है और उनके लिए इस महीने के अंत या अगले महीने के मध्य तक और कई महत्वपूर्ण फैसले होंगे।

यहां गुनियाल गांव में बनाए जा रहे सैन्यधाम के भूमि पूजन के बाद दिए अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह से सैनिकों के साथ है और यह सरकार पूर्व सैनिकों का भी उतना ही सम्मान करती है।

इस संबंध में उन्होंने 'वन रैंक वन पेंशन' योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्व सैनिकों की 40 साल पुरानी यह मांग चुटकी बजाते ही पूरी कर दी।

सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री का पद संभालते ही उन्होंने भी कई पहल करने की कोशिशे की जिनमें 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए हवलदारों को ऑनरेरी नायब सूबेदार के रैंक की संशोधित पेंशन का लाभ देना, शार्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से सेना में आने वाले अधिकारियों को सेवा—मुक्त होने के बाद भी रैंक के उपयोग की अनुमति देना और युद्ध क्षेत्र में शहीद होने पर सैन्यकर्मियों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि (दो लाख रुपये) को चार गुना बढाकर आठ लाख रुपये करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ​50 साल में नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के लिए पेंशन की समीक्षा नहीं की गई थी, लेकिन मोदी सरकार ने पिछले साल दिसंबर में तीनों सेनाओं के लिए पेंशन रेगुलेशन की समीक्षा का आदेश दिया।

उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के पेंशन से संबंधित मामले पहले 'अटके, भटके, लटके' रहते थे लेकिन सरकार द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठ के जरिए अब 97 फीसदी मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा हो रहा है।

सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए किए जा रहे इन कामों को 'सरकार का अहसान नहीं बल्कि उसका फर्ज' बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आगे भी बहुत सारे काम होने हैं जिनकी घोषणा वह यहां नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दिसंबर के अंत तक या जनवरी मध्य तक प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मैं अपने पूर्व सैनिकों के लिए बहुत सारे महत्वपूर्ण फैसले करूंगा।’’

उन्होंने उत्तराखंड सरकार की भी सराहना करते हुए कहा कि उसने भी पूर्व सैनिकों के लिए कई फैसले किए हैं।

'शहीद सम्मान यात्रा' के जरिए प्रदेश के 1,734 शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्र करके सैन्यधाम के निर्माण में उसका उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'चार धाम' के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बन रहा यह 'पांचवा धाम' यहां आने वाले लोगों के लिए राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रेरणा बनेगा।

राज्य सरकार को सैन्यधाम का काम जल्द पूरा करने के लिए कहते हुए सिंह ने सुझाव दिया कि यहां ऑनलाइन श्रद्धांजलि की व्यवस्था भी होनी चाहिए ताकि देश—विदेश में बैठे लोग भी शहीदों को श्रद्धांजलि दे सकें।

उत्तराखंड को 'वीरों की भूमि' बताते हुए रक्षा मंत्री ने देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल दिवंगत बिपिन रावत को प्रदेश की महान परंपरा का वाहक बताया और कहा कि चले जाने के बाद भी वह लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।

सिंह ने सोमनाथ मंदिर का पुनरूद्वार, केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण, राममंदिर का शिलान्यास और काशी विश्वनाथ मंदिर को प्राचीन गौरवमयी स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि भारत अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा रहे।

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