अध्यक्ष पद संभालते ही एक्शन मोड में सोनिया गांधी, राहुल के गद्दारों की तलाश शुरू

By शीलेष शर्मा | Updated: August 13, 2019 05:56 IST2019-08-13T05:56:43+5:302019-08-13T05:56:43+5:30

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श के दौरान अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित किया जाए इसके लिए भी रणनीति बनाने का काम शुरू हो गया है.

Sonia Gandhi swings into action in a bid to unite opposition after take up Congress chief's post | अध्यक्ष पद संभालते ही एक्शन मोड में सोनिया गांधी, राहुल के गद्दारों की तलाश शुरू

फाइल फोटो

Highlightsपार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर भी विचारमंथन किया.उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी जल्दी ही झारखंड में चुनाव की जिम्मेदारी नये नेतृत्व को सौंपेगी. 

पूरा देश ईद का जश्न मना रहा था, लेकिन अध्यक्ष पद संभालने के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड में सक्रिय होने की हिदायत दी. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी जल्दी ही झारखंड में चुनाव की जिम्मेदारी नये नेतृत्व को सौंपेगी. 

पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर भी विचारमंथन किया. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर थी कि राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा देते समय जो पत्र सार्वजनिक किया और उसमें बिना किसी नेता का नाम लिये जिन नेताओं पर पार्टी के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया उन्हें चिन्हित करना है साथ ही राहुल टीम के युवा सदस्यों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि वे राहुल के अध्यक्ष ना रहने से उनकी भूमिका और हैसियत में कहीं कोई कमी नहीं होगी. 

पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श के दौरान अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित किया जाए इसके लिए भी रणनीति बनाने का काम शुरु हो गया है. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में पार्टी कैडर खड़ा करने की विशेष जिम्मेदारी देते हुए पार्टी अध्यक्ष ने उन राज्यों को चिन्हित किया है जहां पार्टी का ढांचा अत्यंत कमजोर बना हुआ है. 

गौरतलब है कि राहुल के इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी के समर्थक माने जाने वाले नेता इस बात पर अड़े थे कि सोनिया गांधी ही अध्यक्ष पद संभालें. वहीं कुछ दूसरे नेता गांधी परिवार से बाहर के किसी युवा नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने कोशिश में जुटे थे. 

कार्यसमिति की बैठक में जब इस मुद्दे पर शनिवार की रात चर्चा शुरु हुई तब भी पार्टी के युवा नेताओं ने इस आशय के संकेत दिये. लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बात पर अड़े रहे कि सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी में से किसी एक को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालनी होगी यदि ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी टुकड़ों में बंट जाएगी. 

वरिष्ठ नेताओं की इस बात से हैरान की पार्टी टूट के कगार पर खड़ी है सोनिया गांधी ने अनचाहे मन से नयी व्यवस्था होने तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ओढ़ने को अपनी सहमति दी. 

अध्यक्ष का पद संभालने के 48 घंटे के अंदर ही सोनिया गांधी ने बंद कमरों में बैठे पार्टी नेताओं को सड़क पर उतरने और मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने की जिम्मेदारी सौंप दी. बावजूद इसके पार्टी के युवा नेता इस बात पर निगाह लगाये बैठे है कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद उनके विश्वास पात्र लोग अब किस भूमिका में होगें और राहुल समर्थकों को पार्टी में कितनी तरजीह मिलेगी.

Web Title: Sonia Gandhi swings into action in a bid to unite opposition after take up Congress chief's post

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