चुनावी बॉन्ड मामलाः कांग्रेस सांसद का ओम बिरला ने करवाया माइक बंद, सोनिया गांधी ने पार्टी के सदस्यों के साथ किया वॉकआउट
By रामदीप मिश्रा | Updated: November 22, 2019 19:16 IST2019-11-22T19:16:02+5:302019-11-22T19:16:02+5:30
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मूल रूप से लोकसभा चुनाव के लिए थी, लेकिन पीएमओ ने इसे राज्य के चुनावों में भी अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप किया।

File Photo
कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठाया और बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर इस योजना के माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा' पहनाने का गंभीर आरोप लगाया। वहीं, कहा जा रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा कांग्रेस सांसद का माइक बंद कराने के बाद इस विषय पर पार्टी सदन से वाकआउट कर गई।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मूल रूप से लोकसभा चुनाव के लिए थी, लेकिन पीएमओ ने इसे राज्य के चुनावों में भी अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप किया। उनका माइक बंद किए जाने से पहले कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड जारी किए और उसके माध्यम से 'सरकारी भ्रष्टाचार को अमलीजामा पहनाया गया'।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तिवारी को टोकते हुए कहा कि किसी का नाम नहीं लिया जाए। उन्हें इसके बाद बोलने की अनुमति नहीं दी गयी। इस पर तिवारी कहते सुने गये कि उनके पास आरटीआई से प्राप्त कागज हैं और वह सदन के पटल पर रखने को तैयार हैं।
लोकसभा में सामने की पंक्ति में बैठी कांग्रेस अध्यक्ष ने नाराजगी दिखाई और फिर इस मामले में बाहर निकलने से पहले विरोध प्रदर्शित किया। इस दौरान तिवारी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने ओम बिरला से अपील की कि उन्हें बात पूरी करने की अनुमति दी जाए, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
इसके बाद बीजेपी ने चुनावी बॉन्ड को चुनाव खर्च में पारदर्शिता लाने की महत्वपूर्ण पहल करार देते हुए कहा कि यह कर का भुगतान करके प्राप्त की गयी चंदे की राशि है जिसके स्रोत का पता लगाया जा सकता है, ऐसे में कांग्रेस को बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करना चाहिए।
बीजेपी के उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा था कि चुनावी बॉन्ड से चुनाव खर्च में पारदर्शिता आई है और व्यवस्था बेहतर बनी है। इसके जरिये आने वाला चंदा वैध स्रोत से प्राप्त होता है और इसमें कर का भुगतान किया गया होता है।