नागरिक संशोधन कानून को लेकर देश भर में उठी आग को लेकर मोदी सरकार सकते में है लेकिन गृह मंत्री अमित शाह अपनी जिद पर अड़े है कि सरकार कोई कदम पीछे नहीं हटाएगी. दूसरी तरफ सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए कांग्रेस भी कमर कस चुकी है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुहिम को तेज करने के इरादे से विपक्ष को एकजुट करने और एक साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ने के लिए आगामी 13 जनवरी को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है.
सूत्र बताते है कि इस बैठक में सभी दल मिलकर नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी सहित दूसरे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आंदोलन से लेकर संसद में हंगामा करने तक की रणनीति को अंतिम रूप देंगे.
पार्टी से मिली खबरों के अनुसार लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस बैठक में शामिल होने के लिए अपनी सहमति जताई है लेकिन पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वामदलों से नाराजगी के कारण बैठक में शिरकत ना करने की जिद पर अड़ गयी हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ममता बनर्जी को मनाने की कोशिशों में लगे है ताकि वे विपक्षी दलों की इस बैठक में हिस्सा ले सकें. पार्टी ममता बनर्जी को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि उनकी गैर मौजूदगी से विपक्षी एकता को जहां धक्का लग सकता है वहीं दूसरी जगह इसका संदेश भी नकारात्मक जाएगा.
विपक्षी दलों की बैठक के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा शांति मार्च पर मुंबई से निकल चुके है. इन दोनों नेताओं की इस मुहिम को कांग्रेस का खुला समर्थन मिल रहा है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार इन दोनों नेताओं की यात्रा कांग्रेस शासित जिन-जिन राज्यों से गुजरेगी वहां पुरजोर ढंग से इनका स्वागत और समर्थन करने के लिए दिशा-निर्देश केंद्रीय नेतृत्व द्वारा राज्य इकाई को दे दिये गये है.