केंद्र के आंकड़ा मांगने पर अबतक केवल एक राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से संदिग्ध मौत की रिपोर्ट दी:अधिकारी

By भाषा | Updated: August 10, 2021 21:36 IST2021-08-10T21:36:18+5:302021-08-10T21:36:18+5:30

So far, only one state has reported a suspected death due to lack of oxygen after seeking Centre's data: Officials | केंद्र के आंकड़ा मांगने पर अबतक केवल एक राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से संदिग्ध मौत की रिपोर्ट दी:अधिकारी

केंद्र के आंकड़ा मांगने पर अबतक केवल एक राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से संदिग्ध मौत की रिपोर्ट दी:अधिकारी

नयी दिल्ली, 10 अगस्त कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कथित कमी से मौतों का मामला संसद में उठने के बाद जब केंद्र ने ऐसे मौतों पर राज्यों से आंकडा मांगा तब केवल एक राज्य ने उसकी कमी से ऐसे संदिग्ध मौत होने की रिपोर्ट दी। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘ जब संसद में यह प्रश्न उठाया गया तब राज्यों से स्पष्ट तौर पर यह प्रश्न पूछा गया और अबतक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक केवल एक राज्य ने संदिग्ध मौत की जिक्र किया है तथा किसी भी अन्य राज्य ने अबतक नहीं कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। ’’

सूत्रों के अनुसार अरूणाचल प्रदेश, असम, ओड़िशा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, झारखंड , हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने जवाब दिया है।

उन्होंने बताया कि केवल पंजाब ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते चार ‘संदिग्ध’ मौतें हुईं।

पिछले महीने विपक्षी दलों ने संसद में यह बताने को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था कि राज्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने हाल में राज्यों एवं केद्रशासित प्रदेशों से इस साल के प्रारंभ में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर आंकड़ा मांगा था और यह सूचना एकत्र करके 13 अगस्त को मानसून सत्र के समाप्त हो जाने से पहले संसद में पेश किया जाना था।

अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश ने ऑक्सीजन के संबंध में अपनी तरह की चुनौती का सामना किया तथा उसकी उपलब्धता 2000-3000 मीट्रिक टन थी जो 9000 मीट्रिक टन पर पहुंच गयी। उन्होंने कहा कि यह देखा गया कि कैसे लोगों, राज्यों एवं केंद्र ने चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी स्तरों पर मिलकर काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने चिकित्सकीय ऑक्सजीन के रूप में उपयोग करने के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया। हमने ऑक्सीजन सांद्रक प्रदान किये, पीएसए संयंत्रों की दिशा में आगे कदम उठाया, ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए रेलवे एव नौसेना की मदद ली। हमने एक बड़ी चुनौती का सामना किया। ’’

राज्यसभा में 20 जुलाई को जब प्रश्न किया गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से सड़कों एवं अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड-19 मरीजों की मौतें हुई, तब उसके लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है।

पवार ने कहा था, ‘‘ मौतों की रिपोर्ट करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जारी किये गये हैं। उसी के अनुसार राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नियमित आधार पर मामलों एवं मौतों का रिपोर्ट करते हैं। लेकिन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार कोई भी मौत सिर्फ ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई।

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