लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. 15 मार्च तक सभी सरकारी कार्यालय और भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का लक्ष्य रखा है. उप्र पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आशीष कुमार गोयल ने यह आदेश जारी किया है. उनके इस आदेश पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आपत्ति जताई है. परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि एसएटी (साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट) पास किए बिना किसी सरकारी भवन में बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर ना लगाए जाए. लक्ष्य को पूरा करने के लिए एसएटी पास किए बिना ही सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने की तैयारी है. इस तरह का कारनामा जनता के साथ यूपी में किया गया है, इसलिए सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाते हुए इसे दोहराया ना जाए.
इसलिए की आपत्ति :
अवधेश कुमार के अनुसार, किसी भी घर या दफ्तर में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट ( एसएटी) और फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (एफआइआइटी) पास करना जरूरी है. यूपी में अभी पांच लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं लेकिन बिजली कंपनियों के अधिकारी स्मार्ट मीटर लगाने में इन टेस्टों की अनदेखी की गई है. परिणाम स्वरूप हजारों उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
तमाम उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड करना और रिसीवर के गलत फैक्टर बताने की खामी का शिकार होना पड़ा. कई उपभोक्ताओं के यहां खराब क्वालिटी के स्मार्ट मीटर लगाए गए. बड़े पैमाने पर मिली स्मार्ट प्रीपेड़ मीटरों की इन खामियों के सामने आने पर इसकी जांच कॉर्पोरेशन के निदेशक वाणिज्य करवा रहे हैं. अवधेश कुमार का यह भी कहना है कि पावर कार्पोरेशन अभी तक बिना आदेश के ही सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगा रहा था.
करीब दो हजार सरकारी भवनों में मौखिक आदेश के तहत स्मार्ट मीटर लगाए गए है. कई सरकारी भवनों में साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट पास किए बिना ही स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं. इन सरकारी भवनों में लगाए गए स्मार्ट मीटरों में भी पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड और रिसीवर के गलत फैक्टर बताने जैसी दिक्कत आ सकती हैं, इसलिए इस मामले में सावधानी बरती जाए ताकि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी किसी तरफ ही कोई गड़बड़ी ना करने पाए.
कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएगी :
पावर कारपोरेशन चेयरमैन आशीष कुमार गोयल का कहना है कि सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाने में सारे मानक पूरे हो, इसका ध्यान रखा जा रहा ही. सरकारी भवन में स्मार्ट मीटर लगाने में हर स्तर पर क्वालिटी पर ध्यान दिया जा रहा है कहीं भी क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं होगा. स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य नामी कंपनियों को दिया गया है और स्मार्ट मीटर लगाने में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएँगी.