मध्य प्रदेश: सिख युवक को पीटा पगड़ी उतारी, मानव अधिकार आयोग ने किया जवाब-तलब

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: August 11, 2020 21:13 IST2020-08-11T21:13:49+5:302020-08-11T21:13:49+5:30

छतरपुर शहर के मातवाना मोहल्ला निवासी महेश अहिरवार की पत्नी पूजा अहिरवार को प्रसव के लिये बीते मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां समुचित उपचार के अभाव में बीते शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.

Sikh youth gets beaten up, Human Rights Commission answers | मध्य प्रदेश: सिख युवक को पीटा पगड़ी उतारी, मानव अधिकार आयोग ने किया जवाब-तलब

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsपलसूद में 2 सिख युवकों को पीटने और उनकी पगड़ी फेंकने के मामले पर, पुलिस अधीक्षक बड़वानी से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है. दूसरे प्रदेशों के बड़े  राजनेताओं ने इस घटना को बर्बर बताते हुये निंदा की.

भोपाल: मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राज्य के बड़वानी जिले के पलसूद में 2 सिख युवकों को पीटने और उनकी पगड़ी फेंकने के मामले पर, पुलिस अधीक्षक बड़वानी से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है. आयोग को मिली शिकायत के अनुसार बड़वानी जिले के पलसूद में बीते गुरूवार की शाम को बिना मास्क बाईक पर घूम रहे गुरूद्वारे के ग्रंथी प्रेमसिंह चावला का जब पुलिस ने 250 रुपए का चालान बनाया, तो उन्होंने इसका विरोध किया.

पुलिस उन्हें थाने ले जाने लगी, तो झूमा-झपटी हुई. चावला का आरोप है कि पुलिस ने उनकी पगड़ी खींचकर फेंक दी और बीच सड़क पर बाल पकड़कर पीटा. घटना का वीडियो बीते शुक्रवार को जब वायरल हुआ, तो मध्यप्रदेश और दूसरे प्रदेशों के बड़े  राजनेताओं ने इस घटना को बर्बर बताते हुये निंदा की.

चालानी कार्ईवाई के दौरान विवाद में पुलिस द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार काईवाई नहीं पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक बडवानी ने घटना में संलिप्त एएसआई सीताराम भटनागर एवं प्रधान आरक्षक मोहन जमरे को सस्पेंड कर दिया है. राज्य सरकार द्वारा इस घटना, मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक, इंदौर पुलिस रेंज को सौंप दी गई है. इस मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, बड़वानी से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक प्रतिवेदन मांगा है. 

कोरोना के संदेह में नहीं किया इलाज, शिशु-प्रसूता की मौत :

मानव अधिकार आयोग को मिली शिकायत के अनुसार  छतरपुर जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के लिये कलेक्टर ने विभिन्न प्रशासनिक और राजस्व अधिकारियों को भी नियमित रूप से विजिट करने के निर्देश दिये हैं. 

इसके बाद भी अस्पताल के कई वार्ड लापरवाहियों के कारण चर्चित बने हुये है. इन्ही में से एक अस्पताल का प्रसूता वार्ड है. यहां तीन दिन पहले डिलेवरी के लिये लाई गई महिला की गर्भ सहित जान चली गई. जिला अस्पताल में कोरोना के सन्देह में डाक्टरों और नर्साे ने प्रसूता का सही इलाज नहीं किया, जिससे बीते शुक्रवार को प्रसूता की मौत हो गई.

जानकारी के अनुसार छतरपुर शहर के मातवाना मोहल्ला निवासी महेश अहिरवार की पत्नी पूजा अहिरवार को प्रसव के लिये बीते मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां समुचित उपचार के अभाव में बीते शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. इस मामले में आयोग ने कलेक्टर छतरपुर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.

Web Title: Sikh youth gets beaten up, Human Rights Commission answers

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