सिद्धू ने फिर उठाई डीजीपी और महाधिवक्ता को बदलने की मांग, चन्नी ने केंद्र को सौंपे नाम
By भाषा | Updated: October 3, 2021 19:00 IST2021-10-03T19:00:09+5:302021-10-03T19:00:09+5:30

सिद्धू ने फिर उठाई डीजीपी और महाधिवक्ता को बदलने की मांग, चन्नी ने केंद्र को सौंपे नाम
चंडीगढ़, तीन अक्टूबर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को अपनी पार्टी से पंजाब पुलिस प्रमुख और महाधिवक्ता को बदलने की मांग फिर दोहराई और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे। इसके कुछ घंटों बाद ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि 10 पुलिस अधिकारियों के नाम केंद्र सरकार को भेजे गए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र से तीन नाम प्राप्त होने के बाद सिद्धू, मंत्रियों और विधायकों से सलाह कर एक “अच्छे” अधिकारी को पुलिस महानिदेशक बनाया जाएगा। सिद्धू ने रविवार को ट्वीट किया, “बेअदबी के मामलों और मादक पदार्थ के व्यापार के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग के कारण हमारी सरकार 2017 में आई थी और इसमें विफल रहने पर लोगों ने पिछले मुख्यमंत्री को हटा दिया। अब एजी/डीजी की नियुक्ति से पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़का जा रहा है, उन्हें हटाया जाना चाहिए वर्ना हम मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे।”
मुख्यमंत्री और सिद्धू ने तीन दिन पहले बैठक की थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार के सभी प्रमुख निर्णय लेने से पहले सलाह के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। मोरिंडा में राज्य सरकार के एक कार्यक्रम से इतर चन्नी ने कहा कि डीजीपी के पद पर स्थायी रूप से नियुक्ति अभी की जानी है। उन्होंने कहा, “मैंने सिद्धू साहब को बताया है और उन्हें भी पता है कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए, 30 साल की सेवा पूरी करने वाले पुलिस अधिकारियों के नाम केंद्र सरकार को भेजे गए हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने नाम भेजे हैं और केंद्र सरकार (स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए) अब हमें तीन सदस्यीय एक पैनल भेजेगी।” राज्य सरकार ने स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए 10 पुलिस अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजे हैं।
इनके सेवा रिकॉर्ड का संज्ञान लेने और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने के बाद संघ लोक सेवा आयोग तीन अधिकारियों का नाम राज्य सरकार को भेजेगा जो पद के लिए उनमें से एक का चयन करेगी। सवाल के जवाब में चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार सभी को साथ लेकर चलेगी और ईमानदारी से काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पार्टी का कामकाज सिद्धू साहब देख रहे हैं। हम दोनों को समन्वय बैठा कर काम करना चाहिए और हम ऐसा कर रहे हैं। अगर कुछ मतभेद होगा तो हमें पार्टी के मंच पर एक समन्वय समिति का गठन करना होगा जहां हम उनकी चर्चा कर सकते हैं।”
सिद्धू ने कुछ दिन पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्य के पुलिस महानिदेशक, महाधिवक्ता और “दागी नेताओं” की नियुक्तियों पर सवाल खड़े किये थे। सिद्धू, भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाने की मांग कर रहे हैं जिन्हें पंजाब पुलिस के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
सहोता, अकाली सरकार द्वारा 2015 में बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिये बनाए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख थे। सिद्धू ने बृहस्पतिवार को सहोता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बेअदबी के मामले में दो सिखों को गलत तरीके से फंसाया था और बादल परिवार के सदस्यों को क्लीन चिट दे दी थी।
सिद्धू ने राज्य के नए महाधिवक्ता ए एस देओल की नियुक्ति पर भी प्रश्न खड़े किये जो 2015 में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील थे। शनिवार को सिद्धू ने कहा था कि वह किसी पद पर रहें या न रहें, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे।
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