सिद्धारमैया ने बीफ और कोडवा संबंधी टिप्पणी को लेकर खेद जताया
By भाषा | Updated: December 21, 2020 19:51 IST2020-12-21T19:51:29+5:302020-12-21T19:51:29+5:30

सिद्धारमैया ने बीफ और कोडवा संबंधी टिप्पणी को लेकर खेद जताया
बेंगलुरू, 21 दिसम्बर कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी कथित टिप्पणी को लेकर खेद जताया कि कोडवा बीफ खाते हैं, जिसको लेकर वह आलोचना का सामना कर रहे हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि वह कोडवा लोगों और उनकी संस्कृति का काफी सम्मान करते हैं।
कई कोडवा संगठनों ने सिद्धारमैया की टिप्पणी के विरोध में आज कोडागु जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘मैंने ऐसा नहीं कहा था। मैंने कहा था कि खाने की आदतें भिन्न-भिन्न लोगों में अलग-अलग होती हैं और वे वही खाते हैं जो उन्हें पसंद है। मैंने पहले ही ट्वीट किया है और स्पष्ट किया है कि मैंने ऐसा नहीं कहा था।’’
सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोडवा लोगों और उनकी संस्कृति के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है और अगर मेरे बयानों ने किसी भी तरह से उन्हें आहत किया है, तो मैं उनसे खेद व्यक्त करता हूं।’’
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने अपने खिलाफ विरोध प्रदर्शन के पीछे भाजपा की भूमिका का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भाजपा के लोगों के पास कोई अन्य काम नहीं है, वे भावनात्मक मुद्दों की तलाश करते हैं।’’
कुछ खबरों के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारियों ने सिद्धारमैया पर कोडवा समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और मांग की कि वह खुलकर माफी मांगें।
वहीं कुछ ने समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करने की बात भी की।
सिद्धारमैया ने इससे पहले शनिवार को कई ट्वीट करके इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘बीफ और कोडवा संस्कृति के बारे में मेरे बयान को मीडिया ने गलत समझा है। अगर कोडवा लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मुझे खेद है। मैं कोडवा संस्कृति से अवगत हूं और मैं इसका बहुत सम्मान करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास भोजन की विभिन्न परंपराएं और आदतें हैं। चाहे वह बकरे या भेड़ या मुर्गे या सूअर का मांस हो या बीफ हो। मेरा मतलब था कि धर्म और भोजन की आदतों को जोड़ना गलत है। मेरा इरादा कभी यह कहने का नहीं था कि कोडवा बीफ खाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनकी संस्कृति का बहुत सम्मान करता हूं।
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