बेंगलुरु: कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेत़ृत्व में बनी कांग्रेस सरकार कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गई है। इसी क्रम में कर्नाटक सरकार ने एक आदेश पारित किया है जिसमें लंबित कार्यों को रोकने का निर्देश दिया गया है। पिछली सरकार द्वारा किसी बोर्ड, निगम या विभाग को जारी किए गए धन को रोकने का निर्देश दिया गया है। सिद्धरमैया के नेत़ृत्व में बनी कांग्रेस सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा घोषित की गई ऐसी परियोजनाएं जिन पर काम शुरू नहीं हुआ है उन्हें रोक दिया जाए।
बता दें कि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर में गंगा जल और गोमूत्र का छिड़काव कर उसका 'शुद्धिकरण' किया। कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान में भाजपा के शासन को 'भष्ट' शासन बताया था और बोम्मई सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगाया था। कांग्रेस कर्नाटक के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस साल जनवरी में कहा था कि विधान सौध (विधानसभा) को गोमूत्र से "शुद्ध" करने का समय आ गया है।
कर्नाटक में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में 135 सीटें जीतने के बाद, सिद्धारमैया ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख डीके शिवकुमार ने उनके डिप्टी के रूप में शपथ ली। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलावा, कम से कम आठ अन्य कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में दी गई '5 गारंटी' को लागू करने को मंजूरी प्रदान की गई। कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है। फिलहाल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत कुल 10 सदस्य हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।