खैरे ने शिवसेना के मंच से बयां किया दिल का दर्द, कहा- चुनाव में मिली हार का दु:ख भूल नहीं सकता

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 9, 2019 05:12 AM2019-06-09T05:12:46+5:302019-06-09T05:12:46+5:30

शिवसेना की मराठवाड़ा शाखा की स्थापना की 34 वीं वर्षगांठ पर शनिवार को सिडको नाट्यगृह में आयोजित कार्यक्रम में खैरे संबोधित कर रहे थे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार चंद्रकांत खैरे शिवसेना के मंच से अपने दिल का दर्द व्यक्त कर रहे थे.

shivsena chandrakanta Khaire said- can not forget the misery of defeat in election | खैरे ने शिवसेना के मंच से बयां किया दिल का दर्द, कहा- चुनाव में मिली हार का दु:ख भूल नहीं सकता

खैरे ने शिवसेना के मंच से बयां किया दिल का दर्द, कहा- चुनाव में मिली हार का दु:ख भूल नहीं सकता

Highlightsविधायक संजय शिरसाठ ने कहा कि, 'यह खैरे की हार नहीं, बल्कि शिवसेना की हार है. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार चंद्रकांत खैरे शिवसेना के मंच से अपने दिल का दर्द व्यक्त कर रहे थे.

औरंगाबाद, 8 जूनः लोकसभा चुनाव में हार का दर्द शिवसेना नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे को अभी तक साल रहा है. चुनाव में अपनी हार से दु:खी चंद्रकांत खैरे ने आज कहा कि, 'मुझे मालूम है कि भाजपा ने चुनाव में कितना साथ दिया है, पराजय का दु:ख मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता. मैंने बहुत समाज सेवा की है, इसके बावजूद कुछ पदाधिकारियों और शिवसैनिकों ने चुनाव में काम नहीं किया. यदि मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ करें.' शिवसेना की मराठवाड़ा शाखा की स्थापना की 34 वीं वर्षगांठ पर शनिवार को सिडको नाट्यगृह में आयोजित कार्यक्रम में खैरे संबोधित कर रहे थे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार चंद्रकांत खैरे शिवसेना के मंच से अपने दिल का दर्द व्यक्त कर रहे थे.

पूर्व सांसद खैरे ने कहा कि 'मैं चार बार लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद रहा हूं. किसी का कभी कोई नुकसान नहीं किया. किसी को टिकट नहीं मिला, इसके लिए मुझसे नाराजगी रखना कहां तक उचित है. मैंने पार्टी प्रमुख से कहा था- भाजपा साथ हो या न हो, मैं चुनाव जीतूंगा. यह चुनाव मेरा आखिरी चुनाव होता. कुछ लोग यह सोचकर चल रहे थे कि मेरा वजूद खत्म हो जाएगा. मेरे पास कोई संपति नहीं होते हुए भी मेरे बारे में गलत अफवाह फैलाई गई, आखिर मेरी गलती क्या थी?'

हर्षवर्धन जाधव का नाम नहीं लेते हुए खैरे ने कहा कि, 'जो व्यक्ति अपने माता-पिता और पत्नी से मारपीट करता हो, उसके ट्रैक्टर पर सवारी क्यों की गई. मुझे जो मत मिले वह हिंदुत्ववादी हैं. मैंने पार्टी प्रमुख को बताया कि इतना होने पर भी ट्रैक्टर और भाजपाइयों को माफ किया जाए. हम सब यदि इसी तरह आपस में लड़ते रहेंगे तो वंचित आघाड़ी की ही जीत होगी, अब संगठन में फेरबदल करना जरूरी है. इस बारे में भी पार्टी अध्यक्ष को सूचित किया गया है.'

खैरे ने दावा किया कि, 'मेरा कोई भी गुट नहीं है. मध्य और पूर्व में क्या स्थिति है, यह अब देखने की जरूरत है. केवल टिकट चाहिए. हमें हिंदुओं के मत कम मिल रहे हैं. मतदान बढ़ा तो जीत मिलेगी. मैं मतदाताओं से माफी मांगता हूं.' उन्होंने सांसद इम्तियाज जलील का नाम नहीं लेते हुए कहा 'वह कब हमारी बस्तियों में आए थे और मैंने कब मुस्लिम भाइयों को हटाया. मेरे शिवसैनिक मुझसे नाराज क्यों हो गए. मुझसे गलती क्या हुई? चुनाव में शिवसैनिकों को काम करना चाहिए था, गहरी साजिश रचकर भगवा नीचे उतारा गया, मैं मंत्री बनने वाला था, औरंगाबाद को मिलने वाला सम्मान हाथ से चला गया. शिवसैनिकों ने मतदाताओं को पोलचिट तक वितरित नहीं की. जिन्होंने भी साजिश रची, ईश्वर उनका भला करे.'

खैरे ने कहा कि, 'अशोक चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे की बजाय राज्य में मेरी हार की ही अधिक चर्चा है. एनएच-211 परियोजना को यहां मैं लाया हूं, रेलवे की पांच परियोजनाएं मैंने मंजूर कराई हैं, डीएमआईसी मैं लाया हूं, फिर भी विकास नहीं करने का आरोप लगाया जाता है. अब डीएमआईसी में कोई नहीं आएगा, दो कारखाने शहर से चले गए, नगरसेवक और शाखा प्रमुखों का झगड़ा, महिला आघाड़ी की लड़ाई अब बंद होनी चाहिए. गुटबाजी नहीं होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि, 'जिसे मैंने आगे बढ़ाया, वही मेरे खिलाफ हो गए. एक बार गोपीनाथ मुंडे ने भी मुझसे कहा था कि खैरे आपका नमक फीका है क्या? मैंने कोई गुनाह किया है, कुछ कहा है तो मुझे माफ करें. धनगर समाज भी बहुजन वंचित आघाड़ी के साथ चला गया और अन्य जातियों के भी जाने की संभावना है.' खैरे ने यह कह कर सभी को चौंका दिया कि, 'शिवसेना की 35वीं वर्षगांठ पर एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री होंगे.' कार्यक्रम में पूर्व विधायक प्रदीप जायस्वाल ने कहा कि, 'शिवसेना ज्यादा दिन तक टिकने वाली नहीं है. गाडि़यों में घूमने वालों को पद दिए जाएंगे तो पार्टी का क्या होगा.'

विधायक संजय शिरसाठ ने कहा कि, 'यह खैरे की हार नहीं, बल्कि शिवसेना की हार है. चुगलखोरों के कारण ही पराजय हुई है.' इस अवसर पर घोसालकर, विधायक कायंदे ने भी विचार व्यक्त किए. पालक मंत्री शिंदे ने ठाणे जिले के पार्टी संगठन की जानकारी दी. शिवसेना के जिला प्रमुख अंबादास दानवे और नरेंद्र त्रिवेदी को कार्यक्रम में बोलने का मौका नहीं दिया गया. इस पर शिवसैनिकों ने हैरानी जताई. कार्यक्रम में मंच पर पालक मंत्री एकनाथ शिंदे, विधायक संजय शिरसाठ, विनोद घोसालकर, मनीषा कायंदे, महापौर नंदकुमार घोड़ेले आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

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