मध्य प्रदेश: कोरोना से थाना प्रभारी की मौत पर CM शिवराज सिंह चौहान ने 50 लाख रुपये देने का किया ऐलान, बेटी को नौकरी का वादा
By पल्लवी कुमारी | Updated: April 21, 2020 11:21 IST2020-04-21T11:21:55+5:302020-04-21T11:21:55+5:30
इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर विनोद भंडारी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से SHO यशवंत पाल यहां एडमिट थे। वे जब से आए थे तभी से उनकी हालत गंभीर थी। उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव ही रही। मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे उनकी मौत हो गई।

Shivraj Singh Chouhan (File Photo)
उज्जैन: मध्य प्रदेश के इंदौर में इलाज के दौरान उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी (SHO) यशवंत पाल की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई है। यशवंत पाल की मौत आज (21 अप्रैल) की सुबह इंदौर के प्राइवेट अस्पताल अरविंदो हॉस्पिटल में हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस निरीक्षक के निधन पर शोक व्यक्त किया है, इसके साथ ही उन्होंने ऐलान यशवंत पाल के परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। शिवराज सिहं चौहान ने ट्वीट कर लिखा, दु:ख की इस घड़ी में दिवंगत यशवंत पाल जी के परिवार के साथ मैं और पूरा प्रदेश खड़ा है। शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपये, असाधारण पेंशन, बेटी फाल्गुनी को उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति व स्व.पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा।
दु:ख की इस घड़ी में दिवंगत यशवंत पाल जी के परिवार के साथ मैं व पूरा प्रदेश खड़ा है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 21, 2020
शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपए, असाधारण पेंशन, बेटी फाल्गुनी को उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति व स्व.पाल को मरणोपरांत कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जायेगा।
एक अन्य ट्वीट में सीएन शिवराज ने लिखा, "कोविड-19 से लड़ते हुए कर्तव्य की बलिवेदी पर प्राण त्याग देने वाले उज्जैन के नीलगंगा क्षेत्र के थाना प्रभारी को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें। हम सब उनके परिवार के साथ हैं।"
यशवंत पाल बुरहानपुर के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। यशवंत पाल की पत्नी तहसीलदार है। पाल का परिवार इंदौर के ही विजय नगर क्षेत्र में रहता है। यशवंत पाल के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद पत्नी और दोनों बेटियों को भी एक होटल में अलग रखा गया था।
उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रूपेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पुलिस निरीक्षक का उज्जैन के एक निजी अस्पताल में चार दिन तक इलाज चला था। हालत गंभीर होने पर उन्हें 10 दिन पहले इंदौर के अरविंदो अस्पताल भेजा गया था। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचायी जा सकी।
एएसपी ने बताया कि पुलिस निरीक्षक के शोकसंतप्त परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी नजदीकी धार जिले में तहसीलदार के रूप में पदस्थ हैं। अरविंदो अस्पताल के चिकित्सक विनोद भंडारी ने बताया कि उनके अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले पुलिस निरीक्षक पिछले 48 घंटे से वेंटिलेटर पर थे। उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या हो रही थी। उन्हें उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) था।
ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे पुलिस निरीक्षक
अधिकारियों ने संदेह जताया कि पुलिस निरीक्षक उज्जैन की अम्बर कॉलोनी के निषिद्ध क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की जद में आये थे। इससे पहले, इंदौर के जूनी इंदौर थाने के प्रभारी के रूप में ड्यूटी के दौरान 41 वर्षीय पुलिस निरीक्षक कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे। उनकी शनिवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।
अधिकारियों के मुताबिक इंदौर के पुलिस निरीक्षक हालांकि इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो गये थे। चिकित्सकों ने संदेह जताया है कि उनकी मौत का तात्कालिक कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म (धमनी में खून का थक्का जमने से जुड़ी समस्या) है। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि उनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही उत्पन्न हुई हो।