भाषा विवाद: संजय राउत ने अमित शाह से किया एक देश, एक विधान, एक भाषा बनाने का अनुरोध, जानें पूरा मामला
By मनाली रस्तोगी | Updated: May 14, 2022 11:11 IST2022-05-14T11:09:37+5:302022-05-14T11:11:10+5:30
भाषा विवाद और तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री 'हिंदी भाषी कोयंबटूर में बेचते हैं पानी पुरी' वाली टिप्पणी पर शिवसेना नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है। राउत ने कहा, "मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक देश, एक विधान, एक भाषा बनाने का अनुरोध करता हूं। सभी को भाषा का सम्मान करना चाहिए।"

भाषा विवाद: संजय राउत ने अमित शाह से किया एक देश, एक विधान, एक भाषा बनाने का अनुरोध, जानें पूरा मामला
मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत का शनिवार को भाषा विवाद और तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री 'हिंदी भाषी कोयंबटूर में बेचते हैं पानी पुरी' वाली टिप्पणी पर बयान सामने आया है। ऐसे में राउत ने कहा, "मैं हिंदी भाषा का सम्मान करता हूं और संसद में भी बोलता हूं। पूरा देश हिंदी भाषा समझता है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक देश, एक विधान, एक भाषा बनाने का अनुरोध करता हूं। सभी को भाषा का सम्मान करना चाहिए।"
Mumbai| I respect Hindi language & speak it in Parliament as well. Whole country understands it. I request HM Amit Shah to make Ek desh, ek vidhaan, ek bhasha. Everyone must respect the language: Sanjay Raut, Shiv Sena leader on Hindi language debate & TN Edu Minister's statement pic.twitter.com/VMxFOiXq29
— ANI (@ANI) May 14, 2022
बता दें कि शुक्रवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी "हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानी पुरी बेचते हैं" वाला बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि, अपने इस बयान को लेकर उन्होंने सफाई भी पेश की। पोनमुडी का कहना है कि इसे उत्तरी राज्यों में नौकरियों की कमी के संदर्भ में कहा गया था। स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने की केंद्र की कथित योजना को लेकर तमिलनाडु में नाराजगी के बीच पोनमुडी की यह टिप्पणी आई थी।
हिंदी भाषी लोगों पर आए इस बयान पर जब तमिलनाडु के मंत्री की आलोचना शुरू हुई तब मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह बयान दिया क्योंकि उत्तरी राज्यों में कोई काम उपलब्ध नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए के पोनमुडी ने कहा कि तमिलनाडु के विभिन्न व्यक्ति उत्तरी राज्यों में जाकर काम करते हैं। मैंने इस अर्थ में कहा कि उत्तर के विभिन्न व्यक्ति यहां आते हैं और काम करते हैं क्योंकि उत्तरी राज्यों में कोई काम उपलब्ध नहीं है। कोयंबटूर में एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पोनमुडी ने उन लोगों पर कटाक्ष किया जो राज्य में हिंदी सीखने वालों के लिए नौकरी उपलब्ध कराने पर जोर देते हैं।