शिवसेना ने क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह प्रभाकर सेल की मौत को बताया संदिग्ध, मुखपत्र सामना में कहा, 'आर्यन खान को ड्रग्स में फंसाया गया था'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 4, 2022 09:50 PM2022-04-04T21:50:59+5:302022-04-04T21:56:53+5:30
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में प्रभाकर सेल और ठाणे के एक गैरेज मालिक मनसुख हिरेन की हुई हत्या के बीच कथित समानताओं के आधार पर भाजपा पर निशाना साधा गया है। मनसुख हिरेन का नाम मशहूर एंटीलिया बम कांड में आया था, जिसके बाद उसकी संदेहास्पद परिस्थिति में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।
मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एनसीबी के कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह प्रभाकर सेल की मौत को संदिग्ध बताया है। प्रभाकर सेल का शनिवार को 36 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में प्रभाकर सेल और ठाणे के एक गैरेज मालिक मनसुख हिरेन की हुई हत्या के बीच कथित समानताओं के आधार पर भाजपा पर निशाना साधा गया है। मनसुख हिरेन का नाम मशहूर एंटीलिया बम कांड में आया था, जिसके बाद उसकी संदेहास्पद परिस्थिति में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।
शिवसाने के मुखपत्र सामना में लिखा है कि जो लोग साहसपूर्वक सच बोलते हैं या तो उन्हें कैद कर लिया जाता है या फिर प्रभाकर सेल की तरह संदिग्ध तरीके से मारे जाते हैं। संपादकीय में आगे लिखा है, ''भाजपा के लोग भी एक चींटी की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं और ठाकरे सरकार को दोष देते हैं लेकिन प्रभाकर सेल की मौत पर वे चुप हैं।
एनसीबी के अधिकारियों के साथ बैठे भाजपा नेताओं द्वारा प्रभाकर सेल की रहस्यमय और संदिग्ध मौत के बारे में सोशल मीडिया पर व्यक्त की गई भावनाएं इस संदेह को पुष्ट करते हैं कि प्रभाकर सेल की मृत्यु एक रहस्य है। आखिर प्रभाकर सैल को क्या हुआ था? एनसीबी की जांच का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स मामले में सीधे तौर पर फंसाया गया था।
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया है, "आर्यन के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला था, उसने कोई ड्रग्स नहीं लिया था। हालांकि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने फिरौती के लिए आर्यन को गिरफ्तार करके सनसनी पैदा कर दी थी। इस मामले में प्रभाकर सेल ने उजागर किया था कि कैसे आर्यन को धोखा दिया गया था और कैसे एनसीबी के अधिकारी अमीरों को झूठे मामलों में फंसा रहे थे।
संपादकीय में यह भी लिखा है कि महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक, जो इस वक्त जेल में हैं। उन्होंने धीरे-धीरे सारे "सबूतों" को सामने लाने का किया था कि कैसे एनसीबी का वह पूरी मामला ही फर्जी था। यही कारण है कि नवाब मलिक को केंद्रीय एजेंसियों के "झूठ को उजागर करने" के लिए जेल में डाल दिया गया है।
सामना के संपादकीय में लिखा है, "अगर प्रभाकर सेल ने सच नहीं बताया होता तो आर्यन खान जैसे कई केंद्रीय एजेंसी की मनमानी और फिरौती के शिकार हो जाते। प्रभाकर की सच्ची कहानी ने कई आर्यन खानों को मारे जाने से बचा लिया। कॉर्डेलिया क्रूज फ्रूग्स केस एक राजनीतिक साजिश थी।"