भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच 20 साल की दोस्ती में खटास पड़ते दिखाई दे रही है। दरअसल, शिवसेना ने 2019 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया। यह फैसला मंगलवार (23 जनवरी) को हुई शिवसेना की एक अहम बैठक में लिया गया है।
बता दें कि 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौराना सीटों के बंटवारे को लेकर सामंजस्य नहीं बैठ सका था, जिसके बाद दोनों दल अलग हो गए थे और अलग ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और शिवसेना ने चुनाव के बाद बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी।
उन्होंने पीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अहमदाबाद ले गए, लेकिन श्रीनगर के लाल चौक पर क्यों नहीं लेकर गए और श्रीनगर में रोड शो क्यों नहीं कर सके? अगर उन्होंने लाल चौक पर तिरंगा फहराया होता तो हम अपने प्रधानमंत्री के प्रति गर्व महसूस करते।