शिमला नगर निगमः कांग्रेस नेता सुरेंद्र चौहान महापौर निर्वाचित, उप महापौर उमा कौशल ने नए कार्यालय जाने से किया इनकार, जानें वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 16, 2023 01:51 PM2023-05-16T13:51:55+5:302023-05-16T13:53:47+5:30
Shimla Municipal Corporation: कांग्रेस ने दो मई को हुए नगर निगम चुनावों में 34 वार्ड में से 24 पर जीत हासिल की थी। भाजपा के खाते में नौ सीट आईं, जबकि एक सीट माकपा ने जीती थी।
शिमलाः शिमला नगर निगम (एसएमसी) की नवनिर्वाचित उप महापौर उमा कौशल ने शहर के बीचोबीच माल रोड पर प्रसिद्ध टाउन हॉल भवन में स्थित कार्यालय को सब्जी मंडी स्थानांतरित किए जाने के बाद कार्यालय जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने को बताया, “जब तक यह टाउन हॉल में वापस स्थानांतरित नहीं हो जाता, मैं कार्यालय नहीं जाऊंगी।”
नगर निगम के अधिकारियों और शहरी विकास विभाग अधिकारियों को उनकी नाराजगी से अवगत करा दिया गया है। स्थानीय विधायक को भी इसकी जानकारी दी गई है। कांग्रेस नेता सुरेंद्र चौहान और उमा कौशल को सर्वसम्मति से शिमला नगर निगम का क्रमश: महापौर और उपमहापौर निर्वाचित किया गया।
कांग्रेस ने 11 साल के अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी को हराते हुए नगर निकाय पर कब्जा जमाया है। अधिकारियों ने कहा कि उप महापौर के कार्यालय को स्थानांतरित करने का निर्णय लगभग दो सप्ताह पहले नगर निगम कार्यालय के वास्ते और जगह बनाने के लिए लिया गया था।
यहां जारी एक बयान में माकपा नेता और पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि ब्रिटिश काल से महापौर व उप महापौर के कार्यालय टाउन हॉल भवन में स्थित थे और राज्य सरकार को तुरंत उप महापौर के कार्यालय को वापस स्थानांतरित करना चाहिए। बचत भवन में जगह की कमी के कारण पार्षदों के समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच कथित रूप से हाथापाई के कारण महापौर चुनाव प्रभावित हुआ।
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पार्षदों के समर्थकों का पक्ष लिया और उनका बचाव किया। संपर्क किए जाने पर शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि मीडियाकर्मियों ने पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है और इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। यहां ‘बचत भवन’ में नव निर्वाचित पार्षदों के शपथ लेने के बाद महापौर व उप महापौर का चयन किया गया।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विश्वस्त चौहान छोटा शिमला वार्ड से तीसरी बार पार्षद बने हैं। कौशल भी टूटीकांडी वार्ड से तीन बार की पार्षद हैं, जबकि उनके पति व एक अन्य रिश्तेदार भी इस सीट से दो बार पार्षद रहे हैं।
शिमला नगर निगम (एसएमसी) में महिलाओं के लिए आरक्षित 17 सीट के मुकाबले 21 महिला पार्षद हैं और कई ने मांग की कि शीर्ष पदों में से एक पद महिला के पास होना चाहिए। कांग्रेस ने दो मई को हुए नगर निगम चुनावों में 34 वार्ड में से 24 पर जीत हासिल की थी। भाजपा के खाते में नौ सीट आईं, जबकि एक सीट माकपा ने जीती थी।
चुनावों के नतीजों की घोषणा चार मई को हुई थी। नवनिर्वाचित पार्षदों और मुख्यमंत्री व हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत वरिष्ठ नेताओं की बैठक रविवार शाम और सोमवार सुबह सुक्खू के आधिकारिक आवास ‘ओकओवर’ में हुई। पार्षदों की राय ली गई और दो शीर्ष पदों के लिए पार्टी प्रत्याशियों के नाम पार्टी आलाकमान को मंजूरी के लिए भेजे गए।