शेख हसीना ने NRC पर अपनी चिंता रखी, अवैध बांग्लादेशियों का मुद्दा उठाया
By भाषा | Published: October 5, 2019 07:46 PM2019-10-05T19:46:20+5:302019-10-05T19:46:20+5:30
पीएम मोदी ने आतंकवाद को बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करने की बांग्लादेश सरकार की नीति की सराहना की और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थायित्व सुनिश्चित करने के हसीना के दृढ़ प्रयास को लेकर उनकी प्रशंसा की।
भारत और बांग्लादेश ने अपने संबंधों को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच व्यापक वार्ता के बाद शनिवार को सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें एक संयुक्त तटीय निगरानी तंत्र की स्थापना से संबंधित है।
वार्ता के दौरान हसीना ने असम में अद्यतन राष्ट्रीय नागरिक पंजी लाये जाने पर अपनी चिंता रखी। असम में असली भारतीयों की और अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करने के लिए एनआरसी प्रक्रिया चलायी गयी थी। सरकार के सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने हसीना से कहा कि एनआरसी का प्रकाशन अदालत की निगरानी में चली प्रक्रिया है और इस मुद्दे पर अंतिम परिदृश्य अभी सामने आना बाकी है।
अधिकारियों के अनुसार रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा भी बातचीत के दौरान उठा और दोनों प्रधानमंत्री विस्थापित व्यक्तियों की म्यामां के रखाइन प्रांत में सुरक्षित, तीव्र और सतत वापसी की जरूरत पर सहमत थे। संयुक्त बयान के अनुसार मोदी ने आतंकवाद को बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करने की बांग्लादेश सरकार की नीति की सराहना की और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थायित्व सुनिश्चित करने के हसीना के दृढ़ प्रयास को लेकर उनकी प्रशंसा की।
Government Sources: Prime Minister Narendra Modi told Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina that this is the golden period of bilateral ties between the two countries. https://t.co/tWT5xiiY3u
— ANI (@ANI) October 5, 2019
वार्ता के बाद मोदी और हसीना ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बांग्लादेश से भारत को रसोई गैस के आयात की परियोजना का शुभारंभ किया तथा ढाका के रामकृष्ण मिशन में विवेकानंद भवन और खुलना में कौशल विकास संस्थान का उद्घाटन किया।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत बांग्लादेश के साथ अपनी साझेदारी को प्राथमिकता देता है। भारत-बांग्लादेश संबंध दो मित्र पड़ोसी देशों के बीच सहयोग का पूरी दुनिया के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है।’’ उन्होंने कहा कि शनिवार की वार्ता भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।
संयुक्त बयान के अनुसार हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के लोग तीस्ता जल बंटवारा समझौते शीघ्र होने की बाट जोह रहे हैं जिस पर 2011 में दोनों देशों की सरकारों के बीच सहमति हुई थी। मोदी ने हसीना से कहा कि उनकी सरकार यथाशीघ्र यह समझौता करने के लिए भारत में सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है। दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये जो जल संसाधन, युवा मामलों, संस्कृति, शिक्षा और तटीय निगरानी से संबंधित है।
सरकारी सूत्रों ने तटीय निगरानी रडार प्रणाली में सहयोग संबंधी समझौता क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि भारत इस समझौते के तहत करीब दो दर्जन तटीय निगरानी रडार स्टेशन लगायेगा। एक अन्य समझौते से भारत में मालों की ढुलाई के लिए चट्टगांव और मंगला बंदरगाहों का उपयोग किया जाने लगेगा।
एक और समझौता त्रिपुरा के सबरूम शहर के लोगों को पेयजल उपलबध कराने के लिए बांग्लादेश की फेनी नदी से 1.82 क्यूसेक पानी लाने से जुड़ा है। संयुक्त बयान के मुताबिक दोनों प्रधानंमत्रियों ने सार्थक और समग्र वार्ता की तथा वे पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अवसरों का पूरी तरह उपयोग करने पर सहमत थे।
बयान में यह भी कहा गया है कि ‘अपरिवर्तनीय साझेदारी’ से वह धरोहर बढ़ेगी जो बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम से शुरू हुई। वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराध मुक्त सीमा के लिए प्रभावी सीमा प्रबंधन के महत्व पर बल दिया।
संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘ इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दोनों नेताओं ने अपने अपने सीमा प्रहरी बलों को दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमापर सभी लंबित क्षेत्रों में बाड़ लगाने का काम यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। ’’
बयान में कहा गया है, ‘‘ दोनों नेता इस बात पर भी सहमत थे कि सीमापर लोगों की मौत चिंता का विषय है एवं उन्होंने संबंधित सीमा प्रहरी बलों को ऐसी घटनाओं को बिल्कुल खत्म करने की दिशा में समन्वित उपाय बढ़ाने का निर्देश दिया।’’ मोदी और हसीना भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय समग्री आर्थिक साझेदारी संधि करने की संभावना पर संयुक्त अध्ययन की प्रक्रिया पूरी करने पर भी सहमत हुए।