महाराष्ट्र में छह महीने में गिर जाएगी एकनाथ शिंदे की सरकार, मध्यावधि चुनाव के लिए रहें तैयार: शरद पवार
By विनीत कुमार | Published: July 4, 2022 08:57 AM2022-07-04T08:57:37+5:302022-07-04T09:01:12+5:30
शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार छह महीने में गिर जाएगी और ऐसे में राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना है। उन्होंने एनसीपी नेताओं से चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनी नई सरकार छह महीने में गिर जाएगी और ऐसे में राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना है। उन्होंने मुंबई में रविवार शाम एनसीपी विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
बैठक में शामिल हुए एनसीपी के एक नेता ने पवार के हवाले से कहा, 'महाराष्ट्र में नवगठित सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है, इसलिए सभी को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'पवार ने कहा कि शिंदे का समर्थन कर रहे कई बागी विधायक मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। एक बार मंत्री विभागों का बंटवारा हो जाने के बाद उनकी नाराजगी सामने आएगी, जिसके बाद आखिरकार सरकार गिर जाएगी।'
पवार ने यह भी बताया कि इस विफलता के कारण कई बागी विधायक अपनी पार्टी में लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे हाथ में केवल छह महीने हैं, तो एनसीपी विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में अधिक समय बिताना चाहिए।
गौरतलब है कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के ये सरकार गिर गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
शिंदे के नेतृत्व में करीब 40 शिवसेना विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप बुधवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। शिंदे गुट को रविवार को एक और सफलता विधानसभा में उस समय मिली जब विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा के राहुल नार्वेकर ने बड़ी जीत हासिल की।
शिंदे के पक्ष में 164 वोट पड़ जबकि विरोध में 107 वोट आए। एकनाथ शिंदे के सामने सोमवार को विधानसभा में अब बहुमत साबित करने की चुनौती है।