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शरद पवार ने कहा, "विपक्षी दलों की पटना बैठक में नहीं हुई 'प्रधानमंत्री पद' पर कोई चर्चा"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 26, 2023 12:48 IST

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विपक्षी दलों की हुई पटना बैठक के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बैठक में विपक्ष के संभावित 'प्रधानमंत्री पद' पर कोई कोई चर्चा नहीं हुई।

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ठळक मुद्देशरद पवार ने कहा कि पटना बैठक में विपक्ष के संभावित 'पीएम पद' पर कोई कोई चर्चा नहीं हुईविपक्षी दलों ने मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और केंद्र की भाजपा सरकार की कार्यशैली पर चर्चा कीविपक्षी दलों ने बैठक में एक स्वर में मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया और मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ 2024 के आम चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने वाली मुहिम की अगुवाई कर रहे शरद पवार ने सोमवार को विपक्ष की पटना बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "पटना बैठक में शामिल विपक्षी दलों ने एक स्वर में मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया लेकिन बैठक में विपक्ष के संभावित 'प्रधानमंत्री पद' पर कोई कोई चर्चा नहीं हुई।

एनसीपी चीफ शरद पवार ने बारामती में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "विपक्षी दलों ने बढ़ती मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी और सांप्रदायिक ताकतों को कुछ स्थानों पर "जानबूझकर उकसाने" जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्षी बैठक में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की भी जमकर आलोचना हुई।"

उन्होंने भाजपा द्वारा विपक्षी बैठक को फोटो शूट की संज्ञा दिये जाने पर कहा, "भाजपा एक तरफ तो यह कह रही है और दूसरी तरफ वो विपक्षी दलों की पटना बैठक को लेकर चिंतित भी थी। बैठक को लेकर भाजपा की ओर से दिये जा रहे बयान उनकी "राजनीतिक परिपक्वता" की कमी को दर्शा रहे हैं।

शरद पवार ने भाजपा द्वारा विपक्ष की बैठक का उपहास किये जाने और बैठक में "प्रधानमंत्री पद के 19 दावेदारों" के एक साथ जुटने वाली टिप्पणी पर कहा, "भाजपा का ऐसा कहा जाना एक बचकाना बयान से ज्यादा नहीं माना जा सकता है। बैठक में प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। वहां पर केवल महंगाई और बेरोजगारी से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। सत्ता द्वारा कुछ जगहों पर जानबूझकर सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देने के विषय पर भी चर्चा हुई। सभी इस बात से सहमत थे कि भाजपा समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है।"

उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच दरार पैदा करना किसी भी समाज के लिए हानिकारक है और इसे कैसे रोका जाए, इस विषय पर व्यापक चर्चा हुई।

शरद पवार ने सत्तारूढ भाजपा द्वारा विपक्षी बैठकी आलोचना के मुद्दे पर कहा, "क्या लोकतंत्र में विपक्षी नेताओं को आपसी बैठक आयोजित करने की भी अनुमति नहीं है? भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, जिनका मुझे उनका नाम याद नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को बैठक आयोजित करने की क्या जरूरत थी। मैंने उनका भी बयान पढ़ा कि वह मुंबई में भाजपा की बैठक करने जा रहे हैं। तो इसका मतलब है कि आप (बीजेपी) बैठक कर सकते हैं और अगर हम करें तो आप उसे गैर जरूरी बताते हुए परेशान क्यों होते हैं?”

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