भीमा कोरेगांव: शरद पवार ने कहा, एल्गार परिषद मामले में SIT जांच हो, राजद्रोह के आरोप में कार्यकर्ताओं को जेल भेजना गलत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 22, 2019 08:00 IST2019-12-22T08:00:05+5:302019-12-22T08:00:29+5:30

पुणे पुलिस ने नौ कार्यकर्ताओं सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राऊत, शोमा सेन, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को गिरफ्तार किया था.

Sharad Pawar bats for Bhima-Koregaon violence accused, demands suspension of Pune police chief | भीमा कोरेगांव: शरद पवार ने कहा, एल्गार परिषद मामले में SIT जांच हो, राजद्रोह के आरोप में कार्यकर्ताओं को जेल भेजना गलत

शरद पवार (फाइल फोटो)

Highlightsपवार ने कहा, ''राजद्रोह के आरोप में कार्यकर्ताओं को जेल भेजना गलत है. राकांपा प्रमुख ने इस मामले में पूर्व की सरकार और जांच दल की भूमिका को संदेहपूर्ण बताया.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को गलत और प्रतिशोधपूर्ण बताते हुए पुणे पुलिस की कार्रवाई की एसआईटी से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन किसी रिटायर्ड जज की अगुवाई में होना चाहिए. उन्होंने गिरफ्तारियों में शामिल पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित करने की मांग की.

पवार ने कहा, ''राजद्रोह के आरोप में कार्यकर्ताओं को जेल भेजना गलत है. लोकतंत्र में विरोध दर्ज कराने की इजाजत है. यह पुलिस आयुक्त और कुछ अधिकारियों द्वारा शक्ति का दुरुपयोग है.'' उन्होंने कहा, ''हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि पुलिस की कार्रवाई की जांच के लिए किसी रिटायर्ड जज की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया जाए.''

राकांपा प्रमुख ने इस मामले में पूर्व की सरकार और जांच दल की भूमिका को संदेहपूर्ण बताया. पुणे पुलिस के मुताबिक 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद बैठक की गई, जिसे माओवादियों का समर्थन हासिल था. कार्यक्रम में दिए गए भड़काऊ भाषणों के चलते अगले दिन जिले के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी. पुलिस ने दावा किया कि जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए वामपंथी विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं का माओवादियों के साथ संपर्क था. उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. 

पुणे पुलिस ने नौ कार्यकर्ताओं सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राऊत, शोमा सेन, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को गिरफ्तार किया था. भीमा कोरेगांव हिंसा में हिंदुवादी नेताओं संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे की भूमिका के सवाल पर पवार ने कहा, ''पूर्व की सरकार पक्षपाती थी और उन्होंने अपने शासन के दौरान कुछ लोगों का पक्ष लिया.''

पवार ने राज्य विधानसभा में शुक्रवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट की भी विशेषज्ञ समिति से जांच कराने की मांग की, जिसमें 31 मार्च 2018 तक 66000 करोड़ रुपए की कीमत के उपयोग प्रमाणपत्र जमा नहीं कराने के लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार माना गया.

Web Title: Sharad Pawar bats for Bhima-Koregaon violence accused, demands suspension of Pune police chief

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