Shantabai Kamble: पहली महिला दलित आत्मकथाकार शांताबाई के. कांबले का 99 वर्ष की उम्र में निधन
By सत्या द्विवेदी | Published: January 26, 2023 03:35 PM2023-01-26T15:35:53+5:302023-01-26T15:35:53+5:30
मराठी साहित्य की पहली दलित महिला आत्मकथाकार शांताबाई कांबले का 99 वर्ष की आयु में निधन। बीते कई महीनों से वो बिमार चल रही थी।

Shantabai Kamble: पहली महिला दलित आत्मकथाकार शांताबाई के. कांबले का 99 वर्ष की उम्र में निधन
महाराष्ट्र: मराठी साहित्य की पहली दलित महिला आत्मकथाकार 99 वर्षीय शांताबाई कृष्णाजी कांबले का बुधवार को पुणे में वृद्धावस्था में निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। उन्होंने अपनी अंतिम सांस पुणे में बेटी मंगल तिरमारे के निवास पर ली। शांताबाई कृष्णाजी कांबले के बेटे अरुण कांबले भारतीय दलित पैंथर के अध्यक्ष थे।
शांताबाई कांबले ने अपने 99 साल के जीवन में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, विठ्ठल रामजी शिंदे, तिरमारे गुरुजी ने काम किया है। उनका सांगली जिले में शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में बहुत योगदान रहा है। शांताबाई कांबले ने अंबेडकरी आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भागीदार निभाई है।
मार्च 1983 में, 60 वर्षीय, सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल शिक्षिका, शांताबाई ने मराठी में अपनी आत्मकथा "माज्य जलमाची चित्रकथा" लिखना शुरू किया, जिसे पत्रिका में लेखों की एक श्रृंखला के रूप में प्रकाशित किया गया था। जून 1986 में, यह एक पुस्तक के रूप में सामने आया, बाद में इसे दूरदर्शन मराठी के लिए "नजुका" के रूप में एक टेली-धारावाहिक बनाया गया। जैसे-जैसे यह लोकप्रियता में बढ़ी, आत्मकथा का बाद में हिंदी और अन्य भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी और फ्रेंच में अनुवाद किया गया। उन्हें सरकार के दलित मित्र पुरस्कार से भी नवाजा गया था।