राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और गुजरात के पूर्व मुख्ममंत्री शंकर सिंह वाघेला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमला गोधरा कांड की तरह ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की साजिश थी। वाघेला का आरोप है कि बीजेपी हमेशा ही आतंकवाद का सहारा लेती रही है। पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। शंकर सिंह वाघेला ने ये बयान बुधवार एक मई को अहमदाबाद में मीडिया से बात करते हुए दिया है।
शंकर सिंह वाघेला ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलवामा हमले में इस्तेमाल किया गया वाहन, जिसमें आरडीएक्स था, उसका शुरुआती रजिस्ट्रेशन गुजरात का था। गोधरा कांड की तरह पुलवामा हमला भी एक साजिश ही थी।
वाघेला ने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए आतंकवाद का सहारा लेती है। वाघेला ने कहा, "पिछले पांच सालों से कई आतंकवादी हमले हुए हैं।"
वाघेला ने कहा, "बालाकोट हवाई हमले में किसी की भी मौत नहीं हुई। यहां तक कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई कि 200 आतंकवादी मारे गए। बालाकोट हवाई हमले एक सुनियोजित साजिश थी। यह होना ही था।"
शंकर सिंह वाघेला ने कहा, "पुलवामा हमले के बारे में खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद भी उसे रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया। और अगर आपको बालाकोट के बारे में जानकारी थी, तो आपने इन शिविरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? आप पुलवामा के होने का इंतजार क्यों कर रहे थे?"
वाघेला ने कहा, "बीजेपी पूरे मामले में शामिल है। चुनाव जीतने के लिए यह सांप्रदायिकता फैलाने वाला है।"
बीजेपी पर तंज कसते हुए वाघेला ने कहा, "बीजेपी का गुजरात मॉडल झूठा था। राज्य पीड़ित है। बीजेपी के नेता पार्टी से परेशान हैं। उन्हें लगता है कि वे बंधुआ मजदूर हैं।"
14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान हुए थे शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इस आतंकवादी हमले में कई जवान घायल भी हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है। कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।
गोधरा कांड में मारे गए थे 59 लोग
अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूर गोधरा स्टेशन पर फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के कोच में आग लगा दी गई थी। जिसमें 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जिनमें से 50 से अधिक लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे।
गोधरा स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में तकरीबन 94 आरोपी मुस्लिल थे, जिनपर हत्या और प्लानिंग का आरोप लगा था लेकिन हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाए 11 दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।