असम में 100 से अधिक सीटों का शाह का लक्ष्य असल में कांग्रेस के लिए : बघेल

By भाषा | Published: February 24, 2021 06:04 PM2021-02-24T18:04:25+5:302021-02-24T18:04:25+5:30

Shah's target of more than 100 seats in Assam is actually for Congress: Baghel | असम में 100 से अधिक सीटों का शाह का लक्ष्य असल में कांग्रेस के लिए : बघेल

असम में 100 से अधिक सीटों का शाह का लक्ष्य असल में कांग्रेस के लिए : बघेल

(त्रिदीप लाखड़)

गुवाहाटी, 24 फरवरी असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने जा रहे चुनाव में भाजपा के 100 से ज्यादा सीटें जीतने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लक्ष्य पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा है कि शाह छत्तीसगढ़ का उदाहरण दोहराना चाहते हैं, जहां उनका ‘मिशन 65 प्लस’ प्रतिद्वंद्वी दल के लिए सच साबित हुआ था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत महागठबंधन आगामी असम विधानसभा चुनाव में तीन-चौथाई बहुमत हासिल करेगी क्योंकि लोग परिवर्तन चाहते हैं और राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार को बदलने को इच्छुक हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले बघेल को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने असम में मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश इकाई के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

बघेल ने कहा, ‘‘अमित शाह छत्तीसगढ़ गये थे और कहा 65 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। मैंने तब कहा था कि वह ‘65 प्लस’ हमारे लिए कह रहे हैं। चुनाव परिणाम आया और हमने 68 सीटों पर जीत दर्ज की, जो अब 70 हो गई है। ’’

बघेल ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘इसतरह, अमित शाह असम में भी हमारी ही बात कर रहे हैं, जहां हम 100 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेंगे।’’

भाजपा ने 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अपने ‘मिशन 65 प्लस’ के तहत 65 से अधिक सीटों पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन दिलचस्प है कि कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

असम में चुनावी परिदृश्य के बारे में बात करते हुए बघेल ने कहा, ‘‘लोग परिवर्तन चाहते हैं क्योंकि वे सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं। जो वादे किये गये थे, वे पूरे नहीं किये गये। भाजपा ने सपने दिखाए, जो साकार नहीं हुए। लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा ने असम समझौता लागू करने , राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को दुरूस्त कर प्रकाशित करने, चाय बागान मजदूरों की पारिश्रमिक बढ़ाने, बांग्लादेश बॉडर सील करने और ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों ओर एक्सप्रेस-वे बनाने के बड़े-बड़े वादे किये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘असम में अगली सरकार महागठबंधन की बनने जा रही है। हम तीन-चौथाई बहुमत से सरकार बनाएंगे।’’

गौरतलब है कि 2001 से 15 साल तक कांग्रेस राज्य में सत्ता में रही थी। कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में भजपा नीत राजग का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (एमएल)और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ एक महागठबंधन बनाया है।

असम में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में खंडित जनादेश आया था। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) की झोली में 13 सीटें गई थी।

भाजपा 60 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट को क्रमश:14 और 12 सीटें मिली थी। सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।

बघेल ने भाजपा और इसके नेतृत्व पर अपना हमला जारी रखते हुए आरोप लगाया कि असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और असम समझौते के उपबंध-छह सहित संवेदनशील मुद्दों पर लोगों से ‘‘झूठ बोल रहे हैं और उन्हें गुमराह कर रहे’’ हैं।

बघेल ने असम समझौता और इसके उपबंध-छह को लागू नहीं करने को लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल नीत राज्य सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस ऐतिहासिक दस्तावेज के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

बांग्लादेश से लगी सीमा सील करने में नाकाम रहने के विषय पर उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने पांच साल में यह काम क्यों नहीं किया? सरकार ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने असम की सांस्कृतिक धरोहर को तहस नहस करने की कोशिश की। इसी कारण हमारा नारा है ‘ भाजपा भगाओ, असम बचाओ’। ’’

एआईयूडीएफ के साथ अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति करने में कांग्रेस के संलिप्त होने के भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए बघेल ने सवाल किया कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकारों के कार्यकाल के दौरान कितने अवैध प़्रवासियों को वापस उनके मूल देश भेजा गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप बस कांग्रेस के कार्यकाल के समय का और भाजपा के कार्यकाल के दौरान के आंकड़े देख लीजिए, आप जान जाएंगे कि कौन तुष्टिकरण कर रहा है। वे सत्ता में आने से पहले वादे करते हैं और सत्ता में आने पर उन्हें भूल जाते हैं। ’’

एआईयूडीएफ से हाथ मिलाने पर कांग्रेस के मुसलमानों की पार्टी हो जाने के आरोप पर बघेल ने कहा, ‘‘भाजपा पिछले पांच साल की अपनी उपलब्धियां क्यों नहीं गिनाती है? वे यह क्यों नहीं बताते कि उन्होंने असम और इसके किसानों, चाय बागान मजदूरों, गरीबों और युवाओं को क्या दिया है?’’

बघेल ने इस बात का भी जिक्र किया कि भाजपा ने दरांग, करीमगंज और नगांव सहित कई जिलों में जिला परिषदों में शासन के लिए एआईयूडीएफ के साथ गठजोड़ किया था।

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